अररिया: जिले के हल्दिया गांव का हाल बेहाल है. आदर्श ग्राम योजना के तहत 2015 में स्वर्गीय सांसद तस्लीमुद्दीन ने इस गांव को गोद लिया था. इसके बाद आम जनता को उम्मीद जगी थी कि गांव का विकास होगा, लेकिन सबकी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं. ग्रामीण बताते हैं अफसरशाही के कारण गांव की तकदीर और तस्वीर नहीं बदली.
आदर्श गांव के नाम पर कुछ भी नहीं इस गांव में
आदर्श ग्राम योजना के तहत गांव में हॉस्पिटल, हाई स्कूल, सड़क, नाला, कृषि , शुद्ध पेयजल के लिए वॉटर टॉवर के साथ हल्दिया स्टेशन को मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया जाना था. पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी इस गांव मे बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल सकी. इस गांव की बच्चियां आज भी पढ़ने के लिए ट्रेन के जरिए दूसरे गांव जाती हैं. गांव में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक बंद पड़ा यूनानी दवाखाना ही है. आदर्श गांव के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है.
आज भी खुले में शौच जाते हैं लोग
हालांकि समय के अनुसार यहां सड़कें बनाई गयी. बिजली भी आई, लेकिन शौचालय की गांव में भारी कमी है. लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं. सांसद के द्वारा गोद लिए गए हल्दिया गांव में बुनियादी सुविधाओं तक का अभाव नजर आता है.