अररिया: प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना में मनरेगा से मिलने वाली मजदूरी की राशि के गबन का मामला सामने आया है. वहीं, पिछले साल मई महीने में 36 लोगों को मिलने वाले आवास योजना की मजदूरी को फर्जी तरीके से निकाल लिया गया. इस मामले में मदनपुर पूर्वी पंचायत के कसैला के दर्जनों महिला और पुरुष मजदूरों ने जिला परिषद के अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू के आवास पहुंच कर उन्हें इस समस्या से अवगत कराया.
पढ़ें: अररिया डीएम ने कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर का लिया जायजा
मनरेगा मजदूरों को अब तक नहीं मिला भुगतान
ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी पीड़ितों को आवास योजना का तीन किस्त मिल चुका है. जिससे सभी ने आवास को पूर्ण भी कर लिया है. सरकार इस योजना में आवास बनाने के लिए 17 हजार रुपये मजदूरी देती है. उसका भुगतान मनरेगा से होता है. मई 2020 में हम लोगों ने कसैला से भगोरा तक सड़क किनारे मिट्टी भराई का कार्य मनरेगा के तहत किया था. उसका आज तक भुगतान नहीं हुआ है.
विभागीय कर्मचारियों से चला पता
जब इसकी जानकारी संबंधित विभागीय कर्मचारियों से ली गई तो पता चला कि इनकी राशि का उठाव हो चुका है. इस समस्या को लेकर हम सभी ने अधिकारियों को अवगत कराया है. इस मामले में प्रशासन ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
पढ़ें: 'कथा सम्राट' रेणु की 45वीं पुण्यतिथि पर जानें उनसे जुड़ी अनसुनी कहानियां
आफताब अजीम पप्पू ने कहा- समस्या काफी गंभीर
ग्रामीण विकास अभिकरण के अध्यक्ष आफताब अजीम पप्पू ने बताया कि यह समस्या काफी गंभीर है. इस तरह से गरीब मजदूरों की मजदूरी का फर्जी तरह से निकासी कर लेना अपराध है. केंद्र सरकार की मंशा है कि हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान हो. लाभुक को इस योजना में मजदूरी भी मिले ताकि उसका मकान भी बने और रोजगार से भी जुड़ा रहे. इसलिए मनरेगा से मजदूरी देने का प्रावधान रखा गया है.