अररिया: जिले में करोड़ों रुपये के भूमि अधिग्रहण घोटाला मामले में फ्रीज किये गये 200 से अधिक खातों की जानकारी प्रशासन नहीं दे रही है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने इन खातों के बारे में जानकारी सार्वजनिक कर दी तो भू-माफिया समेत कई सफेदपोश और अधिकारी भी बेनकाब हो जाएंगे. शायद इसीलिए ही प्रशासन आरटीआई का जवाब नहीं दे रही है.
जानकारी नहीं दे रहा है विभाग
जानकारी के अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता ने जब भू-अर्जन विभाग से जवाब मांगा तो विभाग ने अपनी असमर्थता जता दी और जवाब नहीं दिया. वहीं, स्थानीय लोगों में भी इस मुद्दे को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गयी है कि आखिर कई सौ करोड़ रुपये के घोटाले मामले में जिला प्रशासन खातों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दे रहा है. डीएम समेत सभी अधिकारी इस मसले पर मौन हैं.
डीएम ने किया था घोटाले का पर्दाफाश
बता दें कि देश के आंतरिक सुरक्षा को लेकर भारत सरकार द्वारा नेपाल के समानांतर 597 किमी 2 लेन बॉर्डर रोड का निर्माण होना है. इसी कड़ी में तत्कालीन डीएम हिमांशु शर्मा ने भौतिक सत्यापन के बाद भूमि माफिया और भू-अर्जन विभाग की मिलीभगत से भूमि की प्रकृति बदलकर कई सौ करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया था.