पटना: देश की राजधानी नई दिल्ली से जो खबर मिल रही है उसके अनुसार, पूर्व सांसद बाहुबली शहाबुद्दीन की कोरोना से मौत हो गई है. तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी पुष्टि कर दी है.
शहाबुद्दीन कौन ?
कहा जाता है कि शहाबुद्दीन को 'साहबू' बनाने में लालू का बड़ा हाथ रहा. राजनीति की गलियों में शहाबुद्दीन लालू की छत्रछाया में ही आया था. कहा जाता है कि जनता दल में शामिल होते ही शहाबुद्दीन की ताकत और दबंगई सीवान और सीवान से बाहर दिखने लगी थी. सीवान तो 90 के दशक में शहाबुद्दीन के नाम से ही जाना जाने लगा था.
दूध का धुला कौन ?
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि लालू यादव की पहचान एक अलग अंदाज के लिए होती है. एक बार एक निजी चैनल ने लालू से शहाबुद्दीन के अपराधों को लेकर सवाल पूछा, तो लालू ने इसके जवाब में कहा था कि इस देश में दूध का धुला हुआ कौन है?
1990 में पहली बार बना विधायक
साल 1990 में शहाबुद्दीन को पहली पर विधानसभा का टिकट मिला और वह जीत गया. 1995 में दूसरी बार भी वह विधानसभा पहुंच गया. उसकी ताकत को देखते हुए लालू ने लोकसभा का टिकट दे दिया और शहाबुद्दीन सांसद भी बन गया.
50 से अधिक मामले हैं दर्ज
रिकॉर्ड के अनुसार, शहाबुद्दीन पर पहली बार 1996 में सीवान के हुसैनगंज थाने में मामला दर्ज हुआ था. बताया जाता है कि फिलहाल उस पर 50 से अधिक मामले दर्ज हैं. सिर्फ यही नहीं, 6 से अधिक मामलों में उसे सजा भी हो चुकी है.
तेजाब से नहलाकर दो भाइयों को मार दिया था
बता दें कि भाकपा माले के कार्यकर्ता छोटेलाल गुप्ता के अपहरण व हत्या के मामले में वह आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है. साल 2003 में शहाबुद्दीन को वर्ष 1999 में माकपा माले के सदस्य का अपहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. यही नहीं, साल 2004 में प्रतापपुर गांव में दो भाइयों को तेजाब से नहलाकर मारने के मामले में दोषी पाया गया है. इस मामले में भी उसे उम्र कैद की सजा मिली है.