पटना: लोकसभा चुनावों के प्रचार में एक तरफ एनडीए नेता एक साथ मंच साझा कर रहे हैं. वहीं महागठबंधन का बिखराव साफ नजर आ रहा है. तेजस्वी यादव अकेले ही सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओं के साथ चुनाव प्रचार करते दिख रहे हैं, जबकि उनके साथी चाहे कांग्रेस हो या फिर हम और रालोसपा सभी अलग-अलग नजर आ रहे हैं.
लालू की अनुपस्थिति में संभाला मोर्चा
लालू यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव पहली बार पार्टी की बागडोर थामें चुनाव प्रचार अभियान में जोर-शोर से लगे हैं. मार्च के आखिरी हफ्ते से ही वे लगातार कई जगहों पर चुनावी सभाएं कर चुके हैं.
अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक खुद तेजस्वी
इन सभी प्रचार अभियानों में एक बात समान नजर आ रही है. तेजस्वी यादव के साथ इन सभाओं में ज्यादातर उनके अपने दल के नेता ही नजर आए हैं. कहा जा सकता है कि अपनी पार्टी के एकमात्र स्टार प्रचारक खुद तेजस्वी यादव ही हैं.
अकेले कर रहे चुनावी सभा
दूसरी तरफ महागठबंधन के दूसरे घटक दल कांग्रेस, हम और उपेंद्र कुशवाहा एक साथ अलग-अलग जगहों पर चुनाव प्रचार में लगे हैं. यानी महागठबंधन के नेताओं में या तो समन्वय की कमी है या फिर वह एक साथ मंच पर आना पसंद नहीं कर रहे हैं.
चुनाव से पहले ही महागठबंधन की एकता ध्वस्त- BJP
बीजेपी इस मौके पर तंज कस रही है. पार्टी का कहना है कि चुनाव खत्म होने से पहले ही महागठबंधन की एकता ध्वस्त हो चुकी है. तेजस्वी अलग-थलग पड़े हैं और कांग्रेस उपेंद्र कुशवाहा को आगे करके अपना फायदा लेने में लगी है.
राजद ने किया इंकार
हालांकि राजद नेता ऐसी किसी बात से इनकार करते हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा कि जो कोई भी नेता या पार्टी तेजस्वी यादव को अपने प्रचार में बुलाती है वे वहां जरूर जाते हैं.
दावों के उलट हकीकत
नेताओं के दावों के उलट हकीकत, इससे परे नजर आ रही है. गया में राहुल गांधी की सभा में मंच पर महागठबंधन के तमाम नेता मौजूद थे सिवाय तेजस्वी यादव के. उपेंद्र कुशवाहा के नॉमिनेशन में भी तेजस्वी नहीं पहुंचे. उसके बाद कई जगहों पर जहां कांग्रेस या रालोसपा के प्रत्याशियों के लिए तेजस्वी सभा करने नहीं गए, बताया गया कि उनकी तबीयत खराब है.
तेजस्वी की गैरमौजूदगी के क्या है कारण
लगातार महागठबंधन के घटक दलों की चुनावी सभाओं में तेजस्वी की गैरमौजूदगी कई सवाल उठा रही हैं. क्या कारण है कि तेजस्वी कांग्रेस और रालोसपा नेताओं के साथ मंच साझा करने से बच रहे हैं. देखना होगा कि तेजस्वी की गैरमौजूदगी महागठबंधन पर भारी ना पड़ जाए.