पटना: कहते हैं जब लोगों का विश्वास विज्ञान से उठने लगता है तो वे अंधविश्वास का रास्ता अपना लेते हैं. ऐसा ही कुछ हाल कोरोना वायरस के संक्रमण काल के दौरान देखने को मिल रहा है. लोग कोरोना वायरस से इतने डर गए हैं कि जिसे जैसा सही लग रहा वे वही कदम उठा रहे हैं.
विज्ञान में कोरोना का अब तक उचित उपचार ना मिल पाने के कारण देश के कई ग्रामीण इलाकों से इस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि महिलाएं कोरोना को देवता मानकर पूजा अर्चना कर रही हैं. कला एवं शिल्प महाविद्यालय के फाइनल इयर के छात्र अश्विनी आनंद ने अपनी पेंटिग के माध्यम से लोगों की अंधविश्वास को दर्शाया है.
कोरोना देवता की पूजा
कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्र अश्विनी आनंद की बनाई गई पेंटिग में कोरोना देवता को गाय के ऊपर बैठे हुए दर्शाया गया है. उनके शरीर से वायरस जैसे कांटे निकले हुए हैं और सिर पर ताज है. पेंटिंग में तीन-चार महिलाएं कोरोना देवता को अगरबत्ती दिखाते हुए पूजा करते हुए दिखाई दे रही हैं.
पेंटिंग के बारे में छात्र अश्विनी आनंद ने बताया कि पूरे लॉकडाउन पीरियड में उन्होंने कई पेंटिंग बनाई है. ये सभी पेंटिग समकालीन परिस्थितियों को देखकर बनाई गई है. अश्विनी ने बताया कि हाल के दिनों में उन्होंने देखा कि इस प्रकार की काफी खबरें आ रही है, जिसमें लोग कोरोना को देवी-देवता मानकर पूजा कर रहे हैं.
अंधविश्वास लोगों पर पड़ रहा भारी
छात्र अश्विनी आनंद ने बताया कि यह सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि भारत के सभी राज्यों के ग्रामीण इलाकों से इस प्रकार की खबरें आ रही हैं. इसी को देखते हुए उन्होंने अपनी तस्वीर में दिखाया है कि अंधविश्वास किस प्रकार लोगों पर हावी हो जाता है और लोग अंधविश्वास के कारण कोरोना वायरस को भी देवी-देवता मानकर पूजा कर रहे हैं.