पटना: एक तरफ बिहार के कई जिले इन दिनों में बाढ़ (Floods In Bihar) की चपेट में है. वहीं कई जिलों में सूखे (Drought In Bihar) के हालात बने हुए हैं. प्रदेश में एक साथ बाढ़ और सुखाड़ के कारण फसलों का नुकसान हो रहा है. वहीं किसानों को खेती के लिए महज 8 घंटे बिजली आपूर्ति से कई जिले में खेती पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. खासकर सुखाड़ वाले इलाकों में. राजद प्रवक्ता ऐजाज अहमद ने शनिवार को एक बयान जारी कहा है की किसानों को 8 घंटे बिहार आपूर्ति के फैसले को तुगलकी फैसला है. किसानों के हित में राज्य सरकार इसमें संशोधन करे.
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"उर्जा विभाग बिहार का यह निर्णय कि अब किसानों को मात्र आठ घंटे ही बिजली दी जायेगी. ये तुगलकी फरमान है और बिहार के किसानों के खिलाफ एक बड़ा अपराध है. बिजली की उपलब्धता रहने के बावजूद आठ घंटा ही बिजली मिलेगी, यह किसानों के खिलाफ सरकार का तानाशाही फैसला है. आठ घंटे की बिजली उपलब्धता से किसान खेती कैसे कर पायेंगे, यह समझ से परे है." -ऐजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
फैसले का किया विरोधः राजद प्रवक्ता ने कहा कि सरकार की आंतरिक कलह और अर्थ बंटवारा के कारण खुन्नस में किसानों के साथ ऐसा व्यवहार हो रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है. एक तरफ सरकार बिजली के क्षेत्र में वाह-वाही लूटना चाहती है तो दूसरी तरफ किसानों के साथ दोहरी नीति अपनाती है. पूरे भारतवर्ष में सबसे अधिक बिजली का दर बिहार के लोगों से सरकार वसूलती है. राष्ट्रीय जनता दल किसानों के बिजली कटौती के फैसले का पूरजोर विरोध करती है.
राजद हमेशा से किसानों के साथः राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव एवं एजाज अहमद ने चेताया है कि किसानों के लिए की गई कटौती और ऐसे तुगलकी फरमान को वापस नहीं लिया गया, तो किसानों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर आन्दोलन किया जायेगा. साथ ही साथ सरकार ने फीडर कर्मियों को धमकी दी है कि आठ घंटे से अधिक बिजली किसी फीडर से सप्लाई होता है तो उक्त फीडर के कर्मी को दण्डित किया जायेगा. ये निर्णय सरकार के दशा और दिशाहीनता को दर्शाता है. सरकार के ऐसे निर्णय से किसानों में बेचैनी है. नेताओं ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का संकल्प सिंचाई, बऊाई, कटाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली नीति पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं और किसानों के लिए राजद हमेशा खड़ा रहा है और खड़ा रहेगा.
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