पटना: राजधानी पटना में राज्य सरकार के परिवहन विभाग (Bihar Transport Department) को करीब 25 सालों बाद 347 चलंत दस्ता सिपाही मिले हैं. इनकी नियुक्ति परिवहन विभाग के द्वारा की गई है, जहां ये सब परिवहन विभाग से जुड़े कार्य करेंगे और इनकी नियुक्ति राज्य के सभी जिलों में की जाएगी. शुक्रवार को इन सभी तुरंत दस्ता सिपाहियों के लिए सिंचाई भवन के अधिवेशन भवन में एक ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग की मंत्री शीला कुमारी (Transport Department Minister Sheela Kumari), प्रधान सचिव संजय अग्रवाल, राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी और अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
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'हमारा प्रयास है कि इस विभाग में जो भी खामियां हैं. उसे दूर किया जाए. चलंत सिपाहियों की बहाली बहुत दिनों से नहीं हो पाई थी, जिसकी कमी महसूस हो रही थी. हमारी कोशिश है कि यह विभाग तरक्की करे. हम लोगों ने डिमांड की, जिसके बाद से हमें हरी झंडी मिली और आज इतने सारे लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. यह इसलिये दिया जा रहा है ताकि अगर किसी को कोई परेशानी हो तो उसे दूर कर सकें. ट्रैफिक रूल या फिर अन्य कारणों के लिए हमें मैन पावर की जरूरत है. अभी 347 सिपाहियों की नियुक्ति हुई है और आने वाले वक्त में अगर जरूरत पड़ेगी तो और नियुक्ति की जाएगी. पहले तो हमारे पास कोई बल नहीं था. आज इतने सारे सिपाही हैं. इसमें सीएम का भी पूरा सहयोग है. ये परिवहन विभाग का सपना था.' - शीला कुमारी, परिवहन मंत्री
'विभाग में जो भी खामियां हैं दूर की जाएगी': संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यह परिवहन विभाग का एक सपना था. तीन साल पहले जब उन्होंने इस विभाग को जॉइन किया था तो उस वक्त केवल चार सिपाही ही थे. जब जानकारी लेने की कोशिश की तो पता चला कि यह पद तो था लेकिन पिछले करीब 25 सालों से इस पर कोई बहाली नहीं हुई है. इसके बाद इस पर नियुक्ति करने का फैसला लिया गया. लंबी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद यह कार्य पूरा हुआ. इसमें सीएम नीतीश कुमार का भी पूरा सपोर्ट रहा है.
'पुलिस आयोग के द्वारा पारदर्शी तरीके से यह बहाली हुई है जिसमें आप 347 चुनकर आए हैं. यहां आप लोगों का आयोजन और ट्रेनिंग दोनों एक साथ होगा. यह वर्दी किस्मत वालों को मिलती है. परिवहन विभाग में बड़ी संख्या में एमवीआई और ईएसआई बहाली हो रही है. पहली बार परिवहन सेवा के अधिकारी आएंगे. लिमिटेड एक्ट और कानून की जानकारी रखनी होगी और इंटरनल एग्जाम भी होंगे. जरूरत होगी तो राज्य के बाहर भी बेहतर ट्रेनिंग के लिए भेजा जाएगा.' - संजय कुमार अग्रवाल, प्रधान सचिव
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