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Patna Police: शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस का हल्ला बोल, मचा हड़कंप

मसौढ़ी में पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ जबरदस्त अभियान शुरू किया है. इसके चलते इस अवैध कारोबार से जुड़े लोगों में हड़कंप है.

शराब की भट्ठी ध्वस्त करते पुलिस कर्मी
शराब की भट्ठी ध्वस्त करते पुलिस कर्मी
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Published : Nov 22, 2021, 8:56 AM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की समीक्षा बैठक के बाद पूरे बिहार में पुलिस जबरदस्त एक्शन में आ गयी है. शराब माफियाओं (Liquor Mafia) के खिलाफ लगातार छापेमारी हो रही है. इस दौरान भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हो रही है. गिरफ्तारियां भी हो रही हैं. इससे शराब के अवैध धंधे में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ें: एक्सप्रेस ट्रेन के बाथरूम में छिपा रखी थी शराब, पटना जंक्शन GRP ने किया बरामद

पटना के मसौढ़ी में इन दिनों शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस की छापेमारी लगातार हो है. इस तर्ज पर थाना क्षेत्र के चुलहाईचक और गोबिंदचक गांव में मसौढ़ी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की. इस दौरान दोनों जगहों पर लगभग दर्जनों भठ्ठियों को ध्वस्त किया. साथ ही करीब 500 लीटर महुआ जावा शराब को भी नष्ट किया गाय.

शराब की भट्ठी ध्वस्त करते पुलिस कर्मी

पूरे मामले पर मसौढ़ी थाना अध्यक्ष ने बताया कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हमारा क्षेत्र शराब मुक्त हो सके. मसौढ़ी थाना द्वारा शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार हो रही छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है. शराब के इस अवैध धंधे से जुड़े अधिकतर लोग घर छोड़कर फरार हो चुके हैं. मसौढ़ी पुलिस की ने शराब माफियाओं को चेतावनी दी है कि धंधा छोड़ दो या इलाका.

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.

शराबबंदी के चलते देसी शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. हाल ही में गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सिवान, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत हो गयी थी. बिहार में शराबबंदी को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला शुरू कर दिया था. इसके बाद इसके बाद चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की थी.

ये भी पढ़ें: शराबबंदी को लेकर बिहार के वाहन मालिक देंगे हलफनामा, बसों में दिखाई जाएंगी जागरूकता के लिए फिल्में

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की समीक्षा बैठक के बाद पूरे बिहार में पुलिस जबरदस्त एक्शन में आ गयी है. शराब माफियाओं (Liquor Mafia) के खिलाफ लगातार छापेमारी हो रही है. इस दौरान भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हो रही है. गिरफ्तारियां भी हो रही हैं. इससे शराब के अवैध धंधे में लिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है.

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पटना के मसौढ़ी में इन दिनों शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस की छापेमारी लगातार हो है. इस तर्ज पर थाना क्षेत्र के चुलहाईचक और गोबिंदचक गांव में मसौढ़ी थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार रजक ने अपनी टीम के साथ छापेमारी की. इस दौरान दोनों जगहों पर लगभग दर्जनों भठ्ठियों को ध्वस्त किया. साथ ही करीब 500 लीटर महुआ जावा शराब को भी नष्ट किया गाय.

शराब की भट्ठी ध्वस्त करते पुलिस कर्मी

पूरे मामले पर मसौढ़ी थाना अध्यक्ष ने बताया कि हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि हमारा क्षेत्र शराब मुक्त हो सके. मसौढ़ी थाना द्वारा शराब माफियाओं के खिलाफ लगातार हो रही छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है. शराब के इस अवैध धंधे से जुड़े अधिकतर लोग घर छोड़कर फरार हो चुके हैं. मसौढ़ी पुलिस की ने शराब माफियाओं को चेतावनी दी है कि धंधा छोड़ दो या इलाका.

बता दें कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया था. इसका एक उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना था. चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपना वादा निभाया. एक अप्रैल 2016 बिहार निषेध एवं आबकारी अधिनियम के तहत बिहार में शराबबंदी लागू कर दी गई. तब से सरकार के दावे के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री धड़ल्ले से हो रही है. इसका प्रमाण शराब की बरामदगी और इस धंधे से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी है.

शराबबंदी के चलते देसी शराब का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. हाल ही में गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, सिवान, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर में जहरीली शराब के सेवन से कई लोगों की मौत हो गयी थी. बिहार में शराबबंदी को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर हमला शुरू कर दिया था. इसके बाद इसके बाद चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की थी.

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