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मोटर वाहन कानून संशोधन मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 4 सप्ताह में मांगा जवाब - ETV Bharat Bihar News

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि क्लेम केस में दावेदार को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का एडवोकेट नियुक्त करने और अपनी पसंद का क्लेम ट्रिब्यूनल चुनने का अधिकार एमवी एक्ट 1988 की धारा 166 के अनुसार है. भले ही दुर्घटना कही भी घटित हुई हो.

Patna High Court
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Published : Feb 24, 2022, 7:52 PM IST

पटना: मोटर वाहन कानून संशोधन मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने संदीप राय की याचिका पर सुनवाई की. इस मामले पर अब अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी.

ये भी पढ़ें: न्यायालय की अवमानना मामले में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने दिए ये आदेश

बिहार मोटर वेहिकल एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से जुड़े कानून में राज्य सरकार द्वारा किये गए संशोधन को मोटर वेहिकल एक्ट 1988 के प्रावधानों, संविधान के प्रावधानों, केंद्रीय कानून के प्रावधानों समेत एडवोकेट एक्ट के प्रावधानों को अल्ट्रा वायरस घोषित करने हेतु ये याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में बिहार गजट में अधिसूचना के रूप में 11 अगस्त 2021 को प्रकाशित किये गए संशोधन रूल 2021 के तौर पर किये गए संशोधन को लागू नहीं करने को लेकर कोर्ट से आदेश देने की मांग की गई है.

ये भी पढ़ें: PDS लाइसेंस को रद्द रखने का मामला: पटना हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता विंध्याचल सिंह ने बताया कि क्लेम केस में दावेदार को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का एडवोकेट नियुक्त करने और अपनी पसंद का क्लेम ट्रिब्यूनल चुनने का अधिकार एमवी एक्ट 1988 की धारा 166 के अनुसार है. भले ही दुर्घटना कही भी घटित हुई हो.

ये भी पढ़ें: साइबर क्राइम की प्राथमिकी दर्ज नहीं करने पर थाना इंचार्ज पर होगी अवमानना की कार्रवाईः पटना हाईकोर्ट

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पटना: मोटर वाहन कानून संशोधन मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने संदीप राय की याचिका पर सुनवाई की. इस मामले पर अब अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी.

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बिहार मोटर वेहिकल एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल से जुड़े कानून में राज्य सरकार द्वारा किये गए संशोधन को मोटर वेहिकल एक्ट 1988 के प्रावधानों, संविधान के प्रावधानों, केंद्रीय कानून के प्रावधानों समेत एडवोकेट एक्ट के प्रावधानों को अल्ट्रा वायरस घोषित करने हेतु ये याचिका दायर की गई थी. इस याचिका में बिहार गजट में अधिसूचना के रूप में 11 अगस्त 2021 को प्रकाशित किये गए संशोधन रूल 2021 के तौर पर किये गए संशोधन को लागू नहीं करने को लेकर कोर्ट से आदेश देने की मांग की गई है.

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याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता विंध्याचल सिंह ने बताया कि क्लेम केस में दावेदार को अपनी इच्छा के अनुसार अपनी पसंद का एडवोकेट नियुक्त करने और अपनी पसंद का क्लेम ट्रिब्यूनल चुनने का अधिकार एमवी एक्ट 1988 की धारा 166 के अनुसार है. भले ही दुर्घटना कही भी घटित हुई हो.

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