पटनाः जहानाबाद के बिस्तौल में बड़े पैमाने पर मिले विस्फोटक के मामले में जांच करने एक बार फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) की टीम दानापुर के गजाधर चक पहुंची. जहां तीन सदस्यीय टीम ने गिरफ्तार कुख्यात नक्सली परशुराम सिंह (Naxalite Parshuram Singh) और उसके बेटे गौतम और राकेश सिंह के परिवारवालों से पूछताछ की.
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एनआईए की टीम के साथ लोकल पुलिस भी पूछताछ के दौरान मौजूद रही. घर से लेकर उनके सर्विस सेंटर तक को चेक किया गया. जानकारी के अनुसार जहानाबाद में मिले विस्फोटक के मामले में कई ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब अब तक एनआईए को नहीं मिल पाया है. जिस वजह से दूसरी बार राजधानी पटना के दानापुर में गिरफ्तार नक्सलियों के घर को खंगाला गया है.
दरअसल एसटीएस ने 30 मार्च को जहानाबाद के बिस्तौल इलाके से छापेमारी के दौरान परशुराम सिंह के घर से 605 डेटोनेटर, 315 बोर का एक राइफल, 7 मैगजीन, 6 राइफल बोल्ट, 2 वायरलेस सेट, 25 राउंड गोली, 3 पुलिस कमांडो यूनिफॉर्म, एक बंडल इलेक्ट्रिक वायर, आईडी बनाने के मटेरियल, 20 पीस राइफल, सीलिंग ग्रेनाइ बनाने के लिए 279 डेटोनेटर सहित कई विस्फोटक बरामद किया था.
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नक्सली परशुराम जहानाबाद का रहने वाला है और उसके बेटे की शादी दानापुर में हुई थी. जिस वजह से एसटीएफ जहानाबाद के साथ-साथ दानापुर के गजाधर चक में भी तलाशी कर रही है. दरअसल इस मामले में एसटीएफ की कार्रवाई कर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. लेकिन केस की गंभीरता और संवेदनशीलता को देखते हुए एनआईए के हवाले कर दिया गया था.
आपको बता दें कि परशुराम और संजय कुख्यात नक्सली रहे हैं. यह दोनों ही खुफिया चंद नक्सली लीडर ऑफ पोलित ब्यूरो सदस्य रहे अरविंद सिंह उर्फ राजीव कुमार सिंह के बेहद करीबी रहे हैं. पिछले 4 सालों से यह दोनों बिहार झारखंड में नक्सलियों को विस्फोटक बनाने के लिए रॉ मटेरियल की सप्लाई किया करते थे.