पटना: बिहार की राजधानी पटना (Patna) में राजद के प्रदेश कार्यालय में छात्र राजद (RJD Student Wing) की बैठक में विभिन्न जिलों और प्रखंडों से आए छात्र राजद के नेता भाग ले रहे हैं. इस बैठक में पटना के अयांश (Ayansh) के लिए भी धन इकट्ठा किया जा रहा है. अयांश को 16 करोड़ रुपये का इंजेक्शन लगना है.
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इसके लिए छात्र राजद ने मुहिम चलाई है. छात्र राजद के कार्यकर्ता चंदा इकट्ठा कर रहे हैं. जिसके लिए स्टेज पर ही एक बॉक्स बनाया गया है. विभिन्न जिलों और प्रखंडों से आए छात्र राजद के लोग उस बॉक्स में स्वेच्छा से राशि को जमा कर रहे हैं.
छात्र राजद के अध्यक्ष आकाश यादव ने कहा कि ''पूरे बिहार में हम लोगों ने एक मुहिम चला रखी है, जिससे कि अयांश की जान बचाई जा सके. यही कारण है कि हम लोग छात्रों के बीच पहुंचकर पैसे इकट्ठा कर रहे हैं.''
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उन्होंने सरकार पर भी तंज कसा और कहा कि केंद्र और राज्य सरकार अयांश को लेकर कुछ नहीं सोच रही है, लेकिन हमारी पार्टी चाहती है कि उन्हें पैसे का अभाव नहीं हो. इसलिए हम लोगों ने ये मुहिम शुरू की है. उन्होंने नीतीश सरकार पर भी तंज कसा है. राजद नेता ने कहा कि नीतीश सरकार (Nitish Government) ने विधायक फंड ले लिया है और एक बच्चे की जान बचाने के लिए भी सरकार तैयार नहीं है, जो कि गलत है.
बता दें कि राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 महीने के बेटे अयांश को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी है. इसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए (Injection worth rupees 16 crores) है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.
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मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि शुक्रवार को अयांश का मुद्दा विधानसभा में भी उठा. शून्यकाल में बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया ने अयांश की बीमारी का मामला उठाया था और सरकार से संज्ञान लेने का आग्रह किया था.
दुर्लभ बीमारियां यानी ऐसी स्वास्थ्य स्थिति या रोग जो बहुत कम ही लोगों में पाया जाता है. अलग-अलग देश में दुर्लभ बीमारियों के मतलब अलग-अलग होते हैं. 80 फीसदी तक दुर्लभ बीमारियां आनुवांशिक होती हैं. दुर्लभ बीमारियों पर राष्ट्रीय नीति-2021 के अनुसार आनुवंशिक रोग ( Genetic Diseases), दुर्लभ कैंसर (Rare Cancer), उष्णकटिबंधीय संक्रामक रोग (Infectious Tropical Diseases) और अपक्षयी रोग (Degenerative Diseases) शामिल हैं.
देश में 450 दुर्लभ बीमारियों की लिस्टिंग की गई है, जिनमें से सिकल-सेल एनीमिया, ऑटो-इम्यून रोग, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, गौचर रोग (Gaucher’s Disease) और सिस्टेम फाइब्रोसिस सबसे आम बीमारियां हैं. वैश्विक स्तर पर दुनिया में 7000 से ज्यादा ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें दुर्लभ श्रेणी में रखा गया है. इनमें हटिन्गटन्स डिजीज, सिस्टिक फाइब्रोसिस और मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Atrophy) वगैरह कुछ प्रमुख नाम हैं.