पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हम ने पटना में गरीब चेतना महासम्मेलन का आयोजन किया. बड़ी संख्या में बिहार के विभिन्न जिलों से लोग भी पहुंचे. इस दौरान मांझी ने समान शिक्षा प्रणाली (Equitable Education System) को लेकर अपनी ही सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि जब तक समाज के सभी वर्ग के लिए समान शिक्षा को व्यवस्था नहीं होगी, तब तक दलित समाज के लोग कभी भी आगे नहीं बढ़ेंगे. बाबा साहेब ने कहा था कि राष्ट्रपति का बेटा हो या सफाई कर्मचारी की संतान सबको शिक्षा एक समान इस पर कोई पार्टी विचार नहीं कर रही है, इसलिए एससी एसटी समाज के लोग शिक्षित नहीं हो पा रहे हैं.
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समान शिक्षा को लेकर उठाए सवाल: जीतनराम मांझी ने बिहार के सरकारी स्कूल की पढ़ाई की व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और साफ-साफ कहा कि सरकारी स्कूल जहां गरीब दलित के बच्चे पढ़ते हैं. वहां कोई व्यवस्था ही नहीं है. फिर कैसे गरीब के बच्चे शिक्षित होंगे. साथ ही उन्होंने आरक्षण व्यवस्था को भो लेकर महासम्मेलन में आये लोगों को आगाह किया और कहा कि सरकार निजीकरण करके आरक्षण को खत्म कर रही है. इस सम्मेलन के जरिये हम आप लोगों को चेता रहे हैं कि आप लोग आंदोलन कीजिए और मांग कीजिये कि निजी कंपनी में भी आरक्षण लागू हो.
मांझी ने निजीकरण का किया विरोध: मांझी ने निजीकरण पर भी जमकर निशाना साधा और प्राइवेट संस्थान के नौकरी में भी आरक्षण व्यवस्था लागू करने की मांग की मांझी ने कहा कि उच्च न्यायालय के जज के बहाली में भी आरक्षण लागू होनी चाहिए, जिससे दलितों को न्याय मिले. इसको लेकर हम लगातार जज के बहाली के कॉलेजियम सिस्टम का विरोध करते हैं, लेकिन सरकार इसपर सुनती नहीं है. इसलिए हम दलित समाज के लोगों को महासम्मेलन के जरिये आह्वान करने आये हैं कि इन सब बातों को लेकर वो राष्ट्रव्यापी आंदोलन करें.
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