पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के पटना स्थित जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट समेत राज्य के अन्य एयरपोर्ट के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने गौरव कुमार सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नोडल अधिकारी को अगली सुनवाई में तलब किया है. साथ ही पटना एयरपोर्ट के पूर्व और वर्तमान निर्देशक को भी अगली सुनवाई में तलब किया गया है.
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गया एयरपोर्ट के लिए 268 करोड़ रुपये कब देंगे : कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को भी नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार को गया एयरपोर्ट के विकास के सन्दर्भ में बताने को कहा कि 268 करोड़ रुपए की धनराशि कब तक दिया जाएगा. एडवोकेट जनरल ने इस सम्बन्ध में जवाब देने के लिए एक सप्ताह की मोहलत ली. इससे पहले की सुनवाई में पटना के जयप्रकाश नारायण एयरपोर्ट के निर्देशक कोर्ट में उपस्थित होकर पटना और राज्य के अन्य एयरपोर्ट की स्थिति के सम्बन्ध में ब्यौरा पेश किया था.
रनवे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा : निर्देशक ने पटना एयरपोर्ट की समस्याओं को बताते हुए कहा कि हवाई जहाज लैंडिंग की काफी समस्या है. सामान्य रूप से रनवे की लम्बाई नौ हजार फीट होती है, जो कि पूर्णिया व दरभंगा में उपलब्ध है, जबकि पटना में रनवे की लम्बाई 68 सौ फीट हैं. उन्होंने बताया कि एक ओर रेलवे लाइन है और दूसरी ओर सचिवालय है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि रनवे की लम्बाई बढ़ाने के लिए सर्वे शुरू होगा.
कोर्ट को राज्य के गया, पूर्णियां और अन्य एयरपोर्ट के विस्तार, विकास और भूमि अधिग्रहण से सम्बंधित समस्यायों के बारे में बताया गया. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल से कहा था कि गया एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 268 करोड़ रुपए कोर्ट में जमा करा दें. सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के बाद उसका निबटारा होगा.
5 जुलाई को अगली सुनवाई : राज्य में पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज, मुंगेर और रक्सौल एयरपोर्ट हैं. लेकिन इन एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं के अभाव व सुरक्षा की भी समस्या हैं. इस मामले पर कोर्ट में अगली सुनवाई 5 जुलाई, 2022 को की जाएगी.