पटना: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा के बाद बिहार सरकार के सभी आला अधिकारी लगातार काम पर बने हुए हैं.
बुधवार की सुबह मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में कई बैठकें हुई. सबसे पहले मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कई विभागों के प्रधान सचिव और डीजीपी के साथ अहम बैठक की. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य में अनाज और अन्य जरूरी चीजों के लिए तनावपूर्ण स्थिति से निपटने की तैयारी किस तरह से की जाए.
खाद्य आपूर्ति विभाग ने किया कमिटी का गठन
मुख्य सचिव ने खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव पंकज पाल की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया. यह कमेटी सभी जिलों से रोजाना रिपोर्ट लेकर यह बताएगी कि कहां किस तरह का माहौल है. वही पंकज कुमार पाल ने सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तार से बातचीत कर उन्हें कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि राशन की कमी ना हो. जो भी दुकानदार राशन भेजे वो अपने भंडारण और कीमतों की जानकारी एक बोर्ड पर लगा कर दुकान के बाहर जरुर ही टांग कर रखे.
कालाबाजारी को रोकने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने जनता से की अपील
राज्य में कालाबाजारी को रोकने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने जनता से अपील भी की. विभाग की ओर से कहा गया है कि आम लोग किसी भी सामान का अतिरिक्त भंडारण ना करें. राज्य सरकार पूरी तरह से जनता के प्रति जिम्मेदार है. किसी भी तरह की खाद्य सामग्री की कमी नहीं होने दी जाएगी. वहीं राज्य सरकार ने सभी जिलों को ये भी निर्देश जारी कर दिया है कि अगर कोई भी व्यापारी कालाबाजारी करता हुआ पकड़ा जाए तो उस पर अविलंब कार्रवाई की जाए.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से इमरजेंसी एक्शन टीम का गठन
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी एक्शन टीम का भी गठन किया. इस टीम में 16 अलग-अलग अधिकारियों के नेतृत्व में एक्शन कमिटी बनाई गई, जो इस महामारी के प्रचार-प्रसार से लेकर रोकथाम तक की तमाम व्यवस्थाओं पर काम करेगी. इसके अलावा इस टीम का काम ये होगा कि वह रोजाना शाम 5 बजे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को डेवलपमेंट रिपोर्ट देगी.