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बोले पूर्व कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप, वर्तमान मंत्री खुद को ईमानदार बताने के लिए कर रहे अफसरों को बदनाम - Agriculture Minister Sudhakar Singh

बिहार सरकार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह (Agriculture Minister Sudhakar Singh) ने अपने ही विभाग के अधिकारी के कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया, तो पूर्व कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने पलटवार किया है. पढ़ें पूरी खबर..

पूर्व कृषि मंत्री का पलटवार
पूर्व कृषि मंत्री का पलटवार
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Published : Sep 13, 2022, 1:45 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 3:07 PM IST

पटनाः बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने ही विभाग के ऊपर टिप्पणी कर के फंस गए हैं. अब पूर्व कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने सुधाकर सिंह को घेरते हुए (Former Agriculture Minister counter attack on Sudhakar Singh) पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान मंत्री खुद को ईमानदर बताने के लिए अफसरों को बदनाम कर रहे हैं. वर्तमान कृषि मंत्री जो विभाग के अधिकारी पर सवाल उठा रहे हैं. वह ठीक नहीं है. वह विभाग के सभी अधिकारी को चोर बता रहे हैं. इसका मतलब है कि वह अपने आपको ईमानदार साबित करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ेंः 'हमारे विभाग के लोग चोर हैं और मैं चोरों का सरदार हूं', नीतीश के मंत्री ने खोली सरकार की पोल

पूर्व कृषि मंत्री का पलटवार

"मंत्री बनते ही अगर विभाग के अधिकारियों के वह चोर बताने लगें और खुद को ईमानदार बताने लगें, तो फिर जनता का काम कौन करेगा. हमें लगता है कि उनकी मंशा ठीक नहीं है. यही कारण है कि विभाग के मंत्री होने के बावजूद भी अपने ही विभाग के अधिकारियों को या कार्यप्रणाली को दोषी ठहरा रहे हैं. मैंने भी विभाग की जिम्मेदारी लगभग पौने दो साल तक संभाली है. हमें तो ऐसा नजर नहीं आया. विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. कुछ अधिकारी ऐसे थे जो गलत कर रहे थे और उस पर कार्रवाई भी विभाग की तरफ से की गई. अगर सभी अधिकारी कृषि मंत्री को चोर नजर आते हैं तो हम कहेंगे कि उनकी दृष्टि दुर्योधन के जैसी है. जिसे कभी भी कोई चीज सही नजर नहीं आई" - अमरेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व कृषि मंत्री

क्या है मामला? : दरअसल, बिहार के कैमूर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने दावा किया था कि उनके कृषि विभाग में कई चोर लोग हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को उन चोरों का सरदार करार (sudhakar singh chief of thieves) दिया. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि, जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है वह बिहार राज्य बीज निगम के धान के बीज को तो लेते ही नहीं हैं. अगर किसी कारण ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते हैं. बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की चोरी कर लेते हैं.

''हमारे विभाग में कई चोर लोग हैं और हम उन चोरों के सरदार हैं, हमारे ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं. ये वही पुरानी सरकार है. इसके चाल चलन पुराने हैं. हम लोग तो कहीं कहीं हैं लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा.'' - सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

कृषि विभाग को राशि की जरूरत नहींः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने यहां तक कहा कि उनके विभाग को दी जाने वाली राशि को बंद कर देना चाहिए, उससे कोई फायदा नहीं है. उन्होंने यहां तक दावा किया कि बजट के बंद हो जाने से उनका विभाग और बेहतर ढंग से चलेगा. विभाग को कोई राशि की जरूरत नहीं है. हमारा तो वैसे भी काम है एडवाइज देना डेवलपमेंट करना तो हमारा काम नहीं है, तो फिर राशि की क्या जरूरत है?

"जो भी मैनें कहा है आम सभा में जिसमें किसान अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहे थे, जो बात वो कह रहे और उनकी पीड़ा जो है, मैं उनके साथ हूं. जो भी मैंने कहा है वो सबके सामने है. सभी चीजें पब्लिक डोमेन में हैं. आरजेडी सदस्य के तौर पर जो हमलोगों ने विधानसभा में बोला है , या पब्लिक के बीच जहां भी बोला है उसको निकालकर आप देख लिजिए सभी चिजें जो पहले थीं वो आज भी हैं, बदल नहीं रहीं हैं तो परेशानी में हैं हमलोग. अगर 17 साल में कोई बदलाव नहीं हुआ और वही चल रहा है जो जनता की पीड़ा थी वो आज भी है, तो हमलोग एक राजनेता के तौर पर जनता की पीड़ा के साथ हमेशा खड़े रहेंगे"- सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री

ये भी पढ़ेंः बोले RJD कोटे के मंत्री- 'सरकार में मेरी कोई नहीं सुनता, अच्छा होगा मेरे विभाग का बजट बंद कर दें'

पटनाः बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने ही विभाग के ऊपर टिप्पणी कर के फंस गए हैं. अब पूर्व कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने सुधाकर सिंह को घेरते हुए (Former Agriculture Minister counter attack on Sudhakar Singh) पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि वर्तमान मंत्री खुद को ईमानदर बताने के लिए अफसरों को बदनाम कर रहे हैं. वर्तमान कृषि मंत्री जो विभाग के अधिकारी पर सवाल उठा रहे हैं. वह ठीक नहीं है. वह विभाग के सभी अधिकारी को चोर बता रहे हैं. इसका मतलब है कि वह अपने आपको ईमानदार साबित करना चाहते हैं.

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पूर्व कृषि मंत्री का पलटवार

"मंत्री बनते ही अगर विभाग के अधिकारियों के वह चोर बताने लगें और खुद को ईमानदार बताने लगें, तो फिर जनता का काम कौन करेगा. हमें लगता है कि उनकी मंशा ठीक नहीं है. यही कारण है कि विभाग के मंत्री होने के बावजूद भी अपने ही विभाग के अधिकारियों को या कार्यप्रणाली को दोषी ठहरा रहे हैं. मैंने भी विभाग की जिम्मेदारी लगभग पौने दो साल तक संभाली है. हमें तो ऐसा नजर नहीं आया. विभाग में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था. कुछ अधिकारी ऐसे थे जो गलत कर रहे थे और उस पर कार्रवाई भी विभाग की तरफ से की गई. अगर सभी अधिकारी कृषि मंत्री को चोर नजर आते हैं तो हम कहेंगे कि उनकी दृष्टि दुर्योधन के जैसी है. जिसे कभी भी कोई चीज सही नजर नहीं आई" - अमरेन्द्र प्रताप सिंह, पूर्व कृषि मंत्री

क्या है मामला? : दरअसल, बिहार के कैमूर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए सुधाकर सिंह ने दावा किया था कि उनके कृषि विभाग में कई चोर लोग हैं. इतना ही नहीं उन्होंने अपने आप को उन चोरों का सरदार करार (sudhakar singh chief of thieves) दिया. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि, जिन किसानों को धान की अच्छी खेती करनी होती है वह बिहार राज्य बीज निगम के धान के बीज को तो लेते ही नहीं हैं. अगर किसी कारण ले भी जाते हैं तो उसे अपने खेतों में नहीं डालते हैं. बीज निगम वाले किसानों को राहत देने की जगह सौ से डेढ़ सौ करोड़ रुपये की चोरी कर लेते हैं.

''हमारे विभाग में कई चोर लोग हैं और हम उन चोरों के सरदार हैं, हमारे ऊपर भी और कई सरदार मौजूद हैं. ये वही पुरानी सरकार है. इसके चाल चलन पुराने हैं. हम लोग तो कहीं कहीं हैं लेकिन जनता को लगातार सरकार को आगाह करना होगा.'' - सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री, बिहार

कृषि विभाग को राशि की जरूरत नहींः कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने यहां तक कहा कि उनके विभाग को दी जाने वाली राशि को बंद कर देना चाहिए, उससे कोई फायदा नहीं है. उन्होंने यहां तक दावा किया कि बजट के बंद हो जाने से उनका विभाग और बेहतर ढंग से चलेगा. विभाग को कोई राशि की जरूरत नहीं है. हमारा तो वैसे भी काम है एडवाइज देना डेवलपमेंट करना तो हमारा काम नहीं है, तो फिर राशि की क्या जरूरत है?

"जो भी मैनें कहा है आम सभा में जिसमें किसान अपनी पीड़ा को व्यक्त कर रहे थे, जो बात वो कह रहे और उनकी पीड़ा जो है, मैं उनके साथ हूं. जो भी मैंने कहा है वो सबके सामने है. सभी चीजें पब्लिक डोमेन में हैं. आरजेडी सदस्य के तौर पर जो हमलोगों ने विधानसभा में बोला है , या पब्लिक के बीच जहां भी बोला है उसको निकालकर आप देख लिजिए सभी चिजें जो पहले थीं वो आज भी हैं, बदल नहीं रहीं हैं तो परेशानी में हैं हमलोग. अगर 17 साल में कोई बदलाव नहीं हुआ और वही चल रहा है जो जनता की पीड़ा थी वो आज भी है, तो हमलोग एक राजनेता के तौर पर जनता की पीड़ा के साथ हमेशा खड़े रहेंगे"- सुधाकर सिंह, कृषि मंत्री

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Last Updated : Sep 13, 2022, 3:07 PM IST
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