पटना: कोविड-19 की जांच के लिए राज्य सरकार ने फैसला लिया था कि पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स के अलावा राजधानी पटना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी टेस्ट किया जाएगा. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम पटना के दीघा मुसहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल करने पहुंची, तो सुबह 11 बजे तक वहां डॉक्टर और कर्मचारी नदारद मिले.
स्वास्थ्य केंद्र पर ईटीवी भारत की टीम को देखकर आनन-फानन में एक कर्मचारी ने ताला खोलना शुरू किया. बता दें कि इस लापरवाही के कारण लोगों को टेस्ट करवाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बरती जा रही है लापरवाही
कर्मचारी से जब हमने बातचीत करने की कोशिश की तो उसने बताया कि 5 से 10 लोगों का टेस्ट प्रतिदिन किया जाता है. कल देर शाम तक 9 लोगों का टेस्ट किया गया. जिसमें से तीन लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और 6 लोग नेगेटिव मिले. जिस वजह से नगर निगम की टीम को बुलाकर पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सेनेटाइज करवाया जा रहा है.
सरकार के निर्देश के बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही बरती जा रहा है. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना करना पड़ रहा है और जांच के लिए काफी समय भी गंवाना पड़ रहा है.
घंटों खड़े रहते हैं जांच करवाने पहुंचे लोग
राजधानी पटना के दीघा निवासी को घंटों प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर खड़ा होने के बाद भी 11 बजे तक ना ही कोई डॉक्टर की टीम और ना ही कोई कर्मचारी मौजूद मिला. लोगों को बाहर ही खड़े होकर इंतजार करना पड़ रहा है. टेस्ट करवाने आए लोगों का कहना है कि सरकार के निर्देश के बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की लचर व्यवस्था देखने को मिल रही है. समय पर डॉक्टर और कर्मचारी मौजूद नहीं रह रहे हैं.
कुछ ही लोगों का किया जा रहा टेस्ट
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे लोगों को बुखार, खांसी और दम फूलने की समस्या आ रही है. जिसको लेकर जांच करवाने पहुंचे हैं. आपको बता दें कि सभी लोगों का टेस्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर नहीं किया जा रहा है. जिनमें कुछ लक्षण आ रहे हैं उन्हीं का सिर्फ टेस्ट किया जा रहा है. स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ का कहना है कि लोग पैनिक होकर भी अपना टेस्ट करवाने पहुंच जा रहे हैं, लेकिन सब का टेस्ट करना मुमकिन नहीं है.