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कोरोना के बाद बिहार ने ली है नई अंगड़ाई, स्वास्थ्य सेवा के लिए हो रहे हैं कई काम -उपमुख्यमंत्री - ऑर्थोपेडिक चिकित्सा

पटना के ज्ञान भवन में बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 47वां वार्षिक सम्मेलन चल रहा है. यह तीन दिवसीय कार्यक्रम है. इस कार्यक्रम में देश भर से मशहूर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर शामिल हुए.

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Published : Oct 31, 2021, 1:44 PM IST

पटना: बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन (Bihar Orthopedic Association) का 47वां वार्षिक सम्मेलन पटना के ज्ञान भवन में चल रहा है. यह तीन दिवसीय वार्षिक सम्मेलन 29 अक्टूबर से शुरू हुआ. इसमें देश के कोने-कोने से मशहूर ऑर्थोपेडिक्स चिकित्सक शामिल हुए. इस कॉन्फ्रेंस में ऑर्थोपेडिक से जुड़े विभिन्न लोगों ने रिसर्च पेपर्स पर भी काफी चर्चा की. शनिवार देर शाम वार्षिक सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किया. इस मौके पर बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे.

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'बिहार में ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से वरिष्ठ और प्रबुद्ध ऑर्थोपेडिक चिकित्सक और सर्जन शामिल हो रहे हैं. विभिन्न राज्यों से आए ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों ने अपने क्षेत्रों में चल रहे नए रिसर्च पेपर के बारे में भी काफी चर्चा की है. इससे जो कुछ भी आउटकम सामने आएगा, उससे निश्चित रूप से प्रदेश को काफी फायदा मिलेगा. इलाज के नए तकनीक और नई विधि के बारे में बिहार के ऑर्थोपेडिक चिकित्सक और मेडिकल छात्रों को जानने का मौका मिल रहा है. बिहार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में विस्तार के दृष्टिकोण से देखें तो कोरोना के बाद से बिहार ने एक नई अंगड़ाई ली है. कोरोना में जिस प्रकार प्रदेश प्रभावित हुआ उसके बाद काफी नए काम हो रहे हैं और इसी कड़ी में आज मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का भी शुभारंभ हुआ है. प्रदेश के सभी जिलों में रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल और जिला अस्पताल बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट का इंस्टॉलेशन का भी काम चल रहा है. प्रदेश में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लोगों को हर संबंधी सुविधा देने का सरकार सकारात्मक प्रयास कर रही है.' -तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

देखें वीडियो

'बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 47वां वार्षिक सम्मेलन चल रहा है. यह सम्मेलन हर साल मार्च-अप्रैल में होता है. लेकिन कोरोना से उत्पन्न हालातों की वजह से अक्टूबर के महीने में यह आयोजित किया जा रहा है. ऑर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में जो कुछ भी लेटेस्ट इनोवेशन हो रहे हैं और जो कुछ भी नई जानकारी है, उसका आदान-प्रदान हो रहा है. इससे निश्चित रूप से प्रदेश को काफी फायदा मिलेगा. नई तकनीक सीखकर प्रदेश के ऑर्थोपेडिक चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे. जिससे मरीजों को भी लाभ होगा.' -डॉ मधुसूदन कुमार, सचिव, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन

'ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की एनुअल कॉन्फ्रेंस में 400 से अधिक चिकित्सक शामिल हुए हैं और इनमें 50 से अधिक हैं. चिकित्सक देश के दूसरे राज्यों से आए हुए हैं. सभी ने काफी कुछ नई बातें सिखाई हैं. यहां इस बार तीन मुख्य बिंदुओं पर काफी चर्चा हुई है. पहला, स्पाइन केसेज से जुड़े मामले अभी के समय बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस पर काफी चर्चा हुई. दूसरी मुख्य बिंदु पर जो चर्चा हुई वह घुटना प्रत्यारोपण और कूल्हा प्रत्यारोपण पर हुई. इसके नई तकनीकों और नए इलाज से जुड़ी जानकारी साझा की गई. और तीसरी जो मुख्य बिंदु जिस पर काफी चर्चा हुई वह दूरबीन द्वारा लिगामेंट अभी कंस्ट्रक्शन के विषय पर. इस कॉन्फ्रेंस से जो कुछ भी आउटकम निकल कर सामने आ रहा है, उससे निश्चित तौर पर प्रदेश के मरीजों को काफी फायदा होगा.' -डॉ ऋषभ कुमार, ज्वाइंट सेक्रेट्री, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन

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'बिहार में ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों से वरिष्ठ और प्रबुद्ध ऑर्थोपेडिक चिकित्सक और सर्जन शामिल हो रहे हैं. विभिन्न राज्यों से आए ऑर्थोपेडिक चिकित्सकों ने अपने क्षेत्रों में चल रहे नए रिसर्च पेपर के बारे में भी काफी चर्चा की है. इससे जो कुछ भी आउटकम सामने आएगा, उससे निश्चित रूप से प्रदेश को काफी फायदा मिलेगा. इलाज के नए तकनीक और नई विधि के बारे में बिहार के ऑर्थोपेडिक चिकित्सक और मेडिकल छात्रों को जानने का मौका मिल रहा है. बिहार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में विस्तार के दृष्टिकोण से देखें तो कोरोना के बाद से बिहार ने एक नई अंगड़ाई ली है. कोरोना में जिस प्रकार प्रदेश प्रभावित हुआ उसके बाद काफी नए काम हो रहे हैं और इसी कड़ी में आज मेदांता सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का भी शुभारंभ हुआ है. प्रदेश के सभी जिलों में रेफरल अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल और जिला अस्पताल बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट का इंस्टॉलेशन का भी काम चल रहा है. प्रदेश में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से लोगों को हर संबंधी सुविधा देने का सरकार सकारात्मक प्रयास कर रही है.' -तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री

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'बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन का 47वां वार्षिक सम्मेलन चल रहा है. यह सम्मेलन हर साल मार्च-अप्रैल में होता है. लेकिन कोरोना से उत्पन्न हालातों की वजह से अक्टूबर के महीने में यह आयोजित किया जा रहा है. ऑर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में जो कुछ भी लेटेस्ट इनोवेशन हो रहे हैं और जो कुछ भी नई जानकारी है, उसका आदान-प्रदान हो रहा है. इससे निश्चित रूप से प्रदेश को काफी फायदा मिलेगा. नई तकनीक सीखकर प्रदेश के ऑर्थोपेडिक चिकित्सक मरीजों का इलाज करेंगे. जिससे मरीजों को भी लाभ होगा.' -डॉ मधुसूदन कुमार, सचिव, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन

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