दरभंगा: जिला समाहरणालय स्थित अंबेडकर सभागार में बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक की गई. इस दौरान जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि जिले में बाढ़ प्रणव अंचलों में विशेष सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता है. बाढ़ से सुरक्षा के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक प्रचालन प्रक्रिया का पूरा-पूरा पालन किया जाना जरूरी है. इसलिए यह आवश्यक है कि आपदा विभाग द्वारा निर्धारित एसओपी का ठीक से अध्ययन किया जाये.
वहीं डीएम ने ये भी कहा कि आपदा प्रबंधन में किसी भी स्तर पर शिथिलता या लापरवाही बरते जाने पर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि दरभंगा जिले के आठ अंचल जिसमें कुशेश्वरस्थान पूर्वी, कुशेश्वरस्थान, घनश्यामपुर, गौराबौराम, किरतपुर, हनुमान नगर, बहादुरपुर और हायाघाट शामिल हैं, विगत वर्षों में बाढ़ से ज्यादा प्रभावित होते रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य अंचलों में भी बाढ़ की समस्या हो सकती है. इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.
एसओपी के अनुसार कदम उठाने के निर्देश
डीएम ने सभी अंचलों में एसओपी के अनुसार बाढ़ पूर्व सुरक्षात्मक कदम उठाने के निर्देश दिये. जिलाधिकारी द्वारा सभी अंचलों में वर्षा मापक यंत्र स्थापित करने को कहा गया. साथ ही उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच राहत सामग्री का वितरण करने के लिए प्रभावित होने वाले संभावित गांव के परिवारों का डाटाबेस पूर्व से तैयार किया जाये. इसमें गर्भवती महिलाएं एवं असहाय जन को अलग से चिन्हित किया जाये.
नाव मरम्मती के आदेश
साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ के समय राहत एवं बचाव कार्य चलाने के लिए सबसे जरूरी संसाधन नाव और नाविक होते हैं. जिले में उपलब्ध सरकारी नाव की जांच कराकर, खराब नावों तो तुरंत मरम्मत कराने का आदेश दिया. साथ ही निजी नाव का निबंधन और नाव मालिकों से भी अनुबंध कराने की बात कही.
कई अधिकारी रहे मौजूद
वहीं उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचल अधिकारी, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अभियंताओं के साथ टीम बनाकर जिले की सीमा में पड़ने वाले सभी छोटे-बड़े बांध का निरीक्षण कर तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. बैठक में अपर समाहर्ता, उप विकास आयुक्त, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के पदाधिकारी, अंचलाधिकारी आदि उपस्थित रहे.