नई दिल्ली: उपभोक्ता मांग में सुधार तथा खर्च बढ़ने से 2020 की दूसरी छमाही में घरेलू खुदरा क्षेत्र में तेजी लौटने की उम्मीद है.
वर्ष 2019 में अधिकांश खुदरा कंपनियों ने वृद्धि दर्ज करने में संघर्ष किया लेकिन अब उन्हें 2020 में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हासिल होने का अनुमान है.
फ्यूचर रिटेल के संयुक्त प्रबंध निदेशक राकेश बियानी ने कहा, ‘‘हम आशावान हैं कि 2020 में उपभोक्ता धारणा सकारात्मक हो जाएगी. 2020 की दूसरी छमाही में मांग एवं वृद्धि में तेजी देखने को मिल सकती है.
ये भी पढ़ें- निर्यात के लिहाज से अच्छा रहेगा नया साल, गिरावट थमने का अनुमान
एटी किआर्नी में पार्टनर एवं क्षेत्रीय प्रमुख (उपभोक्ता एवं खुदरा, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) देवाशीष मुखर्जी ने कहा कि 2019 में खुदरा क्षेत्र के समक्ष निम्न वृद्धि की चुनौतियां रहीं. उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि वृद्धि दर शून्य रही लेकिन वृद्धि वैसी नहीं रही जैसी रहती है. कैसे भी लोगों के हाथों में अधिक पैसा पहुंचाने की जरूरत है."
ईवाय में पार्टनर एवं नेशनल लीडर (उपभोक्ता उत्पाद एवं खुदरा) पिनाकीरंजन मिश्रा ने कहा कि खुदरा क्षेत्र में सुधार आगामी बजट पर भी निर्भर करेगा. उन्होंने कहा, "यदि बजट उपभोग के अनुकूल रहा और लोगों के पास अतिरिक्त नकदी पहुंचाने के उपाय किये गये, इससे उपभोग बढ़ सकता है."
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता वर्ग या तो खर्च कम कर चुका है या खर्च करने में सतर्क हो गया है. धारणा कुछ नकारात्मक है और उम्मीद है कि अगले साल ऐसा नहीं होगा.
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि आने वाले साल में काफी उम्मीदें होंगी लेकिन ढेर सारी चुनौतियां भी होंगी.
वीमार्ट रिटेल के सीएमडी ललित अग्रवाल ने कहा कि पिछले दो साल की तुलना में 2019 में तेजी नहीं रही लेकिन संगठित खुदरा क्षेत्र वापस पटरी पर लौट सकता है क्योंकि उपभोग में नरमी चक्रीय है.
मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के सीईओ एवं एमडी अरविंद मेदिरत्ता ने कहा कि 2019 छोटे किराना दुकानों और खुदरा कारोबारियों के लिये अच्छा रहा. उन्होंने बड़े खुदरा घरानों से प्रतिस्पर्धा की.
उल्लेखनीय है कि केयर रेटिंग के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद में खुदरा क्षेत्र की करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है. वर्ष 2018 में खुदरा क्षेत्र का आकार 792 अरब डॉलर था. वर्ष 2021 तक इसके 1,150 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है.