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सरकारी दांव-पेंच में उलझा चलंत शौचालय, कई महीनों से है बंद

लाखों रुपए खर्च कर चलंत शौचालय लगने के कई महिने बाद भी इसे चालू नहीं किया जा सका है. देख-रेख के अभाव में चलंत शौचालय की स्थिति बद से बदतर हो गई है.

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Published : Jun 17, 2019, 10:45 AM IST

चलंत शौचालय कई महीनों से है बंद

रोहतास: नगर निगम स्वच्छता अभियान को लेकर लाख दावे करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. लाखों की लागत से बना चलंत शौचालय बंद पड़ा है. इस्तेमाल में नहीं लाने और देख-रेख के अभाव में चलंत शौचालय की स्थिति बद से बदतर हो गई है.

लोगों को हो रही परेशानी
गौरतलब है कि सासाराम नगर परिषद ने पूरे शहर में आम लोगों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय लगाया था. लाखों रुपए खर्च कर चलंत शौचालय लगने के कई महीने बाद भी इसे चालू नहीं किया जा सका है. लिहाजा आम पब्लिक को शौचालय जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

कई महीनों से बंद पड़ा है चलंत शौचालय
सासाराम मुख्यालय होने की वजह से यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. वह अपने व्यवसाय का पूरा लेखा-जोखा यहीं से करते हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लोगों को इस सुविधा का लाभ मिले इसके लिए नगर परिषद की ओर से दर्जनों की संख्या में शहर के हर भीड़ भाड़ वाले इलाके में चलंत शौचालय लगाया गया था. लेकिन सरकारी दांव-पेच में फंस जाने के कारण यह काफी दिनों से बंद पड़ा है.

नगर परिषद की लापरवाही
घनी आबादी का क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव, सब्जी मंडी आदि जगहों पर शौचालय की सुविधा नहीं है. ऐसे में सरकार ने चलंत शौचालय लगाने का फैसला लिया ताकि शहरवासियों को खुले में शौच ना जाना पड़े. लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने इस उद्देश्य पर पानी फेर दिया.

जिलाधिकारी गेट के सामने बने चलंत शौचालय का बुरा हाल
स्थानीय लोगों की माने तो चलंत शौचालय काफी महीनों से बंद पड़ा है. लिहाजा लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिलाधिकारी गेट के सामने बने चलंत शौचालय का बुरा हाल है. यहां कई ऐसे बाजार भी लगते हैं जहां लोग दूर-दूर से सब्जियां खरीदने आते हैं

rohtas
कुमारी हिमानी, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद

चलंत शौचालय पर चल रहा निगरानी का केस
इस बावत जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस चलंत शौचालय पर निगरानी का केस चल रहा है. लिहाजा लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

सरकारी दांव-पेंच में उलझा चलंत शौचालय

जाहिर है, लाखों रुपए की लागत खर्च करने के बाद भी चलंत शौचालय का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकारी दांव-पेंच में उलझे इस चलंत शौचालय का दिन कब बहुरेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लोग आज भी शौचालय के लिए दर-दर की ठोकरें खाते नजर आ रहे हैं.

रोहतास: नगर निगम स्वच्छता अभियान को लेकर लाख दावे करती है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं. लाखों की लागत से बना चलंत शौचालय बंद पड़ा है. इस्तेमाल में नहीं लाने और देख-रेख के अभाव में चलंत शौचालय की स्थिति बद से बदतर हो गई है.

लोगों को हो रही परेशानी
गौरतलब है कि सासाराम नगर परिषद ने पूरे शहर में आम लोगों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय लगाया था. लाखों रुपए खर्च कर चलंत शौचालय लगने के कई महीने बाद भी इसे चालू नहीं किया जा सका है. लिहाजा आम पब्लिक को शौचालय जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

कई महीनों से बंद पड़ा है चलंत शौचालय
सासाराम मुख्यालय होने की वजह से यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. वह अपने व्यवसाय का पूरा लेखा-जोखा यहीं से करते हैं. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए लोगों को काफी परेशानी हो रही है. लोगों को इस सुविधा का लाभ मिले इसके लिए नगर परिषद की ओर से दर्जनों की संख्या में शहर के हर भीड़ भाड़ वाले इलाके में चलंत शौचालय लगाया गया था. लेकिन सरकारी दांव-पेच में फंस जाने के कारण यह काफी दिनों से बंद पड़ा है.

नगर परिषद की लापरवाही
घनी आबादी का क्षेत्र जैसे बाजार, बस पड़ाव, सब्जी मंडी आदि जगहों पर शौचालय की सुविधा नहीं है. ऐसे में सरकार ने चलंत शौचालय लगाने का फैसला लिया ताकि शहरवासियों को खुले में शौच ना जाना पड़े. लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने इस उद्देश्य पर पानी फेर दिया.

जिलाधिकारी गेट के सामने बने चलंत शौचालय का बुरा हाल
स्थानीय लोगों की माने तो चलंत शौचालय काफी महीनों से बंद पड़ा है. लिहाजा लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. जिलाधिकारी गेट के सामने बने चलंत शौचालय का बुरा हाल है. यहां कई ऐसे बाजार भी लगते हैं जहां लोग दूर-दूर से सब्जियां खरीदने आते हैं

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कुमारी हिमानी, कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद

चलंत शौचालय पर चल रहा निगरानी का केस
इस बावत जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस चलंत शौचालय पर निगरानी का केस चल रहा है. लिहाजा लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

सरकारी दांव-पेंच में उलझा चलंत शौचालय

जाहिर है, लाखों रुपए की लागत खर्च करने के बाद भी चलंत शौचालय का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. सरकारी दांव-पेंच में उलझे इस चलंत शौचालय का दिन कब बहुरेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लोग आज भी शौचालय के लिए दर-दर की ठोकरें खाते नजर आ रहे हैं.

Intro:रोहतास। सासाराम नगर किस द्वारा स्वच्छता अभियान को ले भले ही लाख दावे किए जा रहे है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। शहर में स्वच्छता अभियान के सभी दावे फेल साबित हो रहे हैं।


Body:गौरतलब है कि सासाराम नगर परिषद ने पूरे शहर में आम लोगों की सुविधा के लिए चलंत शौचालय लगाया था। यानी स्वच्छता के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर चलंत शौचालय लगने के कई माह बाद भी चालू नहीं किया जा सका है। लिहाजा आम पब्लिक को शौचालय जाने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि मुख्यालय होने के नाते लोग यहां दूर-दूर से पहुंचते हैं। वह अपने व्यवसाय का पूरा लेखा जोखा यहीं से करते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र से आए हुए लोगों के लिए सरकार के द्वारा चलंत शौचालय का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। वहीं लोगों को इस सुविधा का लाभ मिले इसके लिए नगर परिषद के द्वारा दर्जनों की संख्या में शहर के हर भीड़ भाड़ वाले इलाके में चलंत शौचालय लगाया गया था। लेकिन सरकारी दांवपेच में फंस जाने के कारण यह काफी दिनों से बंद पड़ा है। जिसकी वजह से चलंत शौचालय को जहां-तहां झाड़ियों में खड़ा कर दिया गया है। इस्तेमाल में नहीं लाने और देख रेख के अभाव के चलते शौचालय कि स्थिति बद से बदतर हो गई है।

क्या था उद्देश्य सरकार का उद्देश्य की घनी आबादी के क्षेत्र जैसे बाजार बस पड़ाव सब्जी मंडी आदि जगह शौचालय की सुविधा नहीं है वहां चलंत शौचालय को लगाकर लोगों की मुसीबतों को दूर किया जाए ताकि शहरवासियों का यात्री को खुले में शौच ना जाना पड़े लेकिन नगर परिषद की लापरवाही ने उद्देश्य पर पानी फेर दिया काफी ऊंचाई पर बने शौचालय के लिए बनाई गई है नहीं उपयोग करने वाले लोगों को हाथ व शौचालय को धोने के लिए पानी की टंकी की व्यवस्था की गई है सरकार कई लाख शौचालय पर खर्च करने के बावजूद सारी सुविधाएं नदारद नजर आ रही है या नहीं सरकार के कई लाख पैसे चलंत शौचालय में पानी की तरह बह गए लेकिन इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है वह वहीं एक दुकानदार ने बताया की चलन शौचालय काफी महीनों से बंद पड़ा है लिहाजा लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है जिलाधिकारी गेट के सामने ही चरण शौचालय का बुरा हाल है वहां पर कई ऐसे बाजार भी लगते हैं जहां पर लोग दूर-दूर से सब्जियां खरीदने आते हैं खुद दुकानदार को इस चलन शौचालय का लाभ नहीं मिल पा रहा है बाहर हाल इस बदहाल पड़ी चलो शौचालय के बारे में जब नगर परिषद के कार्यपालक अभियंता कुमारी हिमानी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस जलन शौचालय पर निगरानी का केस चल रहा है लिहाजा इसी वजह से लोग इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं


Conclusion:जाहिर है लाखों रुपए की लागत खर्च करने के बाद भी चलंत शौचालय का लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। सरकारी दांव पेंच में उलझे इस चलंत शौचालय का दिन कब बहुरेगा यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल लोग आज भी शौचालय के लिए दर-दर ठोकरें खाते नजर आ रहे हैं।

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