पटना: बिहार बोर्ड, निगम और आयोग में सदस्य और अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहते हैं. सरकार अपने चहेते अधिकारियों को बोर्ड, निगम और आयोग में जगह दे देती है. हाल के दिनों में बिहार बोर्ड, सूचना आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग में नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े हुए हैं.
सदस्यों की नियुक्ति पर सवाल
आयोग, निगम और बोर्ड में सदस्य और अध्यक्ष की नियुक्ति को पारदर्शी बनाने की मांग लंबे समय से उठ रही है. हाल में ही बिहार लोक सेवा आयोग, बिहार बोर्ड और सूचना आयोग में अवकाश प्राप्त अधिकारियों की नियुक्ति सरकार ने की है. लेकिन कानून के जानकार सरकार के क्रिया कलाप से इत्तेफाक नहीं रखते.
सरकार पर अनदेखी का आरोप
वरिष्ठ अधिवक्ता दीनू कुमार का मानना है कि सरकार ऐसे नियुक्तियों में नियमों की अनदेखी कर रही है. संविधान के अनुच्छेद 14 और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक बोर्ड निगम या आयोग में भर्ती के लिए विज्ञापन निकालकर सर्च कमिटी गठित किया जाना चाहिए. उसके बाद उनकी विशेषज्ञता के आधार पर भर्ती होनी चाहिए.
योग्यता के आधार पर हो नियुक्ति
वहीं, इस मामले पर आरटीआई एक्टिविस्ट शिव प्रकाश राय ने भी चिंता व्यक्त की है. नियुक्तियों को लेकर उन्होंने कहा है कि सरकार नियमों की अनदेखी कर रही है. अपने चहेते अधिकारियों को आयोग में जगह दे रही है. सूचना आयोग में भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.