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दो कमरों के स्कूल में जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे, मिल चुका है उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान - utkrisht vidyalay

जिले के जगदीशपुर आयर मध्य विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान मिलने के बावजूद यहां के बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने को मजबूर हैं.

आयर मध्य विद्यालय, जगदीशपुर
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Published : Apr 5, 2019, 10:50 AM IST

आराः सूबे की सरकार शिक्षा पर बड़े-बड़े काम करने का दावा करती है. लेकिन इन दावों के पीछे की हकीकत कुछ और ही है. ये बात आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे कि शिक्षक दिवस पर एक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान तो दे दिया गया, लेकिन ये स्कूल आज भी मूल भूत सुविधाओं से वंचित है. यहां बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

दरअसल, जगदीशपुर के आयर मध्य विद्यालय को पटना के गांधी मैदान में भरी सभा में उत्कृष्ट विद्यालय का तो सम्मान मिल गया, लेकिन उसके अनुरूप सुविधाएं आज तक नहीं मिली. इस स्कूल की जमीन और छत दोनों खस्ताहाल है. बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं है. कुल मिला कर जो सुविधाएं इस उत्कृष्ट विद्यालय को मिलने चाहिए थी, वह नहीं मिली.

बयान देते शिक्षक

प्रिंसिपल का क्या है कहना
इस सिलसिले में विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया कि 2013 में पटना के गांधी मैदान में एक वृहत कार्यक्रम में अन्य विद्यालय की तरह मेरे विद्यालय को भी उत्कृष्ट विद्यालय के लिए सम्मानित किया गया, लेकिन यह स्कूल उत्कृष्ठ विद्यालय के अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं से अब तक मरहूम है. यहां के विधायक ने भी स्कूल को बेंच देने का वादा किया था जो आज भी अधूरा है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

आराः सूबे की सरकार शिक्षा पर बड़े-बड़े काम करने का दावा करती है. लेकिन इन दावों के पीछे की हकीकत कुछ और ही है. ये बात आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे कि शिक्षक दिवस पर एक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान तो दे दिया गया, लेकिन ये स्कूल आज भी मूल भूत सुविधाओं से वंचित है. यहां बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

दरअसल, जगदीशपुर के आयर मध्य विद्यालय को पटना के गांधी मैदान में भरी सभा में उत्कृष्ट विद्यालय का तो सम्मान मिल गया, लेकिन उसके अनुरूप सुविधाएं आज तक नहीं मिली. इस स्कूल की जमीन और छत दोनों खस्ताहाल है. बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं है. कुल मिला कर जो सुविधाएं इस उत्कृष्ट विद्यालय को मिलने चाहिए थी, वह नहीं मिली.

बयान देते शिक्षक

प्रिंसिपल का क्या है कहना
इस सिलसिले में विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया कि 2013 में पटना के गांधी मैदान में एक वृहत कार्यक्रम में अन्य विद्यालय की तरह मेरे विद्यालय को भी उत्कृष्ट विद्यालय के लिए सम्मानित किया गया, लेकिन यह स्कूल उत्कृष्ठ विद्यालय के अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं से अब तक मरहूम है. यहां के विधायक ने भी स्कूल को बेंच देने का वादा किया था जो आज भी अधूरा है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

Intro:सूबे के मुखिया शिक्षण व्यवस्था को लेकर कितने गम्भीर हैं सिर्फ इस बात से पता चलता है कि उनके द्वारा विद्यालय को उत्कृष्ट विद्यालय कह कर भरे मंच पर सम्मानित तो कर दिया लेकिन उस विद्यालय में अभी भी बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं जबकि उस जमीन के साथ साथ उस भवन का छत भी अपनी जर्जरता की कहानी बयां करता है।


Body:दरअसल यह नजारा नजर आता है जगदीशपुर के आयर गाँव के मध्य विद्यालय का जिसे गांधी मैदान में उत्कृष्ट विद्यालय का तो सम्मान मिल गया लेकिन उसके अनुरूप सुविधाएं नही मिली।इस बावत विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि विगत दो साल पहले पटना के गांधी मैदान में एक वृहत कार्यक्रम में अन्य विद्यालय की तरह मेरे विद्यालय को भी उत्कृष्ट विद्यालय के लिए सम्मानित किया गया लेकिन विद्यालय, उत्कृष्ठ विद्यालय के अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं से अब तक मरहूम है।


Conclusion:क्या कहते हैं पदाधिकारी-इस बावत जिला शिक्षा पदाधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे
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