आराः सूबे की सरकार शिक्षा पर बड़े-बड़े काम करने का दावा करती है. लेकिन इन दावों के पीछे की हकीकत कुछ और ही है. ये बात आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे कि शिक्षक दिवस पर एक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय का सम्मान तो दे दिया गया, लेकिन ये स्कूल आज भी मूल भूत सुविधाओं से वंचित है. यहां बच्चे जमीन पर बैठ कर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.
दरअसल, जगदीशपुर के आयर मध्य विद्यालय को पटना के गांधी मैदान में भरी सभा में उत्कृष्ट विद्यालय का तो सम्मान मिल गया, लेकिन उसके अनुरूप सुविधाएं आज तक नहीं मिली. इस स्कूल की जमीन और छत दोनों खस्ताहाल है. बच्चों को बैठने के लिए बेंच तक नहीं है. कुल मिला कर जो सुविधाएं इस उत्कृष्ट विद्यालय को मिलने चाहिए थी, वह नहीं मिली.
प्रिंसिपल का क्या है कहना
इस सिलसिले में विद्यालय के प्रिंसिपल ने बताया कि 2013 में पटना के गांधी मैदान में एक वृहत कार्यक्रम में अन्य विद्यालय की तरह मेरे विद्यालय को भी उत्कृष्ट विद्यालय के लिए सम्मानित किया गया, लेकिन यह स्कूल उत्कृष्ठ विद्यालय के अनुरूप मिलने वाली सुविधाओं से अब तक मरहूम है. यहां के विधायक ने भी स्कूल को बेंच देने का वादा किया था जो आज भी अधूरा है. इस मामले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं.