नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच चले रहे तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस वार्ता की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने और तनाव कम करने के लिए दोनों पक्ष आपस में बात कर रहे हैं. वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 23 जून को भारत, चीन और रूस के बीच होने वाली आरआईसी बैठक को लेकर विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत इस बैठक में शामिल होगा. बता दें कि यह पहली बैठक है. आरआईसी के होने वाले सम्मेलन को लेकर अनिश्चितता के बीच उनका यह बयान आया है.
इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर तथा चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के भाग लेने की संभावना है.
विदेश मंत्रालय के सचिव विकास स्वरूप ने बताया कि भारत बुधवार को आठवीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बना है. भारत के पक्ष में 184 सदस्य देशों ने वोट किया. उन्होंने कहा कि भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने की क्षमता है.
विदेश मंत्रालय ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के अस्थाई सदस्य बनने के लिए गुप्त मतदान कराया गया. इसलिए यह पता नहीं कि किन आठ देशों ने हमारे पक्ष में वोट नहीं दिए.
विकास स्वरूप ने कहा कि भारत सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के तौर विश्व शांति के लिए काम करेगा. हम अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से जुड़े सभी संगठनों में वक्त की जरूरत के हिसाब से सुधार होना चाहिए.
विकास स्वरूप ने बताया कि 23 जून को होने वाली आरआईसी (रूस-भारत-चीन) की विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत शामिल होगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि टिड्डी प्रबंधन पर भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली बैठक में पाकिस्तान ने शामिल होने से इनकार कर दिया है.