शिवहर: बिहार के शिवहर में एक युवक के डूबने का मामला सामने आया है. प्रखंड क्षेत्र के मोहारी घाट के पास नदी के दूसरे किनारे से नाव पर सवार होकर अपने पिता को लाने जा रहा युवक बागमती नदी में डूब गया. घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लपाता युवक को खोजने में लगी हुई है.
बागमती नदी में कैसा डूबा युवक?: सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. रामाधार साह ने बताया कि मोहारी वार्ड नंबर 11 निवासी अभिराम साह बागमती नदी मोहारी घाट के दूसरे किनारे पर खेती करने गया था. शाम को तकरीबन 6:00 बजे 20 वर्षीय बेटा आमोद नाव से अपने पिता को लाने जा रहा था, तभी बागमती नदी के बीच धार में उसकी बांस की पतवार फंस गई. उसे निकालने के क्रम में नाव से उलट कर बागमती नदी की धारा में बह गया. जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है.
नदी किनारे इन कार्यों पर लगा प्रतिबंध: घटना की सूचना पर जिला प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी किया गया है. डीएम, एसपी, एसडीएम, एसडीपीओ ने निरीक्षण करते हुए लोगों को सेल्फी लेने, नदी के बीच में जाने को प्रतिबंध लगाया है. आज एसडीएम और एसडीपीओ ने भी स्थल का निरीक्षण किया. घटना के काफी देर बाद भी युवक का कुछ पता नहीं चल पा रहा है.
डूब रहे लोगों का नहीं मिल रहा शव: बागमती नदी में चार दिन के अंदर तीन युवक डूब चुके हैं. एक भी युवक का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है. इसको लेकर प्रशासन हैरान है. चार दिन से लगातार एसडीआरएफ और गोताखोर सर्च अभियान में जुटे हैं. पहली घटना 12 अगस्त की है, डुब्बा घाट पर 21 वर्षीय युवक डूब गया था. दूसरी घटना 15 अगस्त सुबह की है जब डुब्बा पुल से 14 वर्षीय नाबालिग नीचे गिर गया. तीसरी घटना 15 अगस्त शाम में मोहारी घाट की है जहां 20 वर्षीय युवक डूब गया. इन सभी की तलाश जारी है.
क्यों रखा गया पुल का ऐसा नाम: प्रत्येक साल बागमती नदी के देकुली धाम के पास डुबाघाट यानी डूबा पुल में स्नान करने वाले, दूसरी तरफ नदी की घाट जाने वाले, सेल्फी लेने वाले सैकड़ों लोग डूब चुके हैं. जब बागमती नदी पर पुल नहीं था तो लोग नाव लेकर एक-दूसरे किनारे जाते थे. वहीं पुराना पुल भी था जिससे कई लोग बह गए. सबसे ज्यादा 1995 से पहले हर साल दर्जनों लोग डूब जाते थे. इसलिए लोगों ने इसका नाम डूबा पुल रखा. इतनी घटनाओं के बावजूद लोग सतर्क नहीं रह रहे हैं.