पटना: राजधानी पटना के मसौढ़ी में कारा विभाग की एक खास पहल काफी चर्चा में है. कारा विभाग की ओर से जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए उन्हें सिलाई कटाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके पीछे की मंशा यह है कि जब ये कैदी जेल से बाहर निकाले तो गलत रास्ते को छोड़ आत्मनिर्भर बने और अपना कुछ व्यवसाय कर सकें.
कैदियों के बीच प्रशिक्षण कार्य जारी: महिला बंदियो को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर मसौढ़ी जेल में विभिन्न मामले में बंद सजा काट रही कैदियों के बीच प्रशिक्षण का कार्य किया जा रहा है. यह कारा विभाग की एक पहल है जिससे महिला कैदी स्वावलंबी बनेंगी. बताया जा रहा है कि जेल से छूटने के बाद वह सभी महिला स्वरोजगार की ओर बढ़ेंगी और खुद अपने पैरों पर खड़ा होकर अपना कुछ व्यवसाय करेंगी. मसौढ़ी जेल में तकरीबन 9 महिला बंदी हैं जो विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं.
स्वरोजगार देने की कोशिश: जेल के सुपरिटेंडेंट महेश रजक ने बताया कि यह कारा विभाग की ओर से पहल की गई है कि महिला बंदियों को सिलाई कटाई का प्रशिक्षण दिया जाए. मास्टर ट्रेनर के रूप में एनजीओ के द्वारा उन्हें सिखाया जा रहा है. जेल सुपरिंटेंडेंट की माने तो महिला बंदियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार देने की कोशिश की जा रही ही है. यह सरकार की ओर से लाई गई एक योजना है. फिलहाल मसौढ़ी जेल में महिला बंदी सिलाई मशीन मिलने के बाद से काफी खुश हैं. वहीं, जेल प्रशासन के द्वारा उनके बच्चों को भी देखने के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रही है.
कारा विभाग और जिला प्रशासन की ओर से जेल में बंद महिला बंदियों के लिए उन्हें सिलाई कटाई प्रशिक्षण योजना चली है। जिसके तहत मसौढ़ी जेल में सभी बंदियों को सिलाई कटाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वह एक आत्मनिर्भर और स्वरोजगार से जुड़ सके." - महेश कुमार रजक, जेल सुपरिंटेंडेंट, मसौढ़ी
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