औरंगाबादः बिहार के औरंगाबाद जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो छात्रों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से झुलस गयी. हादसे के वक्त तीनों छात्र-छात्राएं कोचिंग से पढ़कर वापस लौट रहे थे. अचानक आई बारिश से बचने के लिए छात्रों ने आम के पेड़ के नीचे शरण ली थी. गुरुवार को भी दो किसानों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हो गई थी.
कोचिंग के लिए गये थेः घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खरकनी गांव की है. मृतकों में उसी गांव के निवासी अहेंद्र साव के 11 वर्षीय पुत्र आदर्श कुमार एवं रविंद्र साव की 10 वर्षीय पुत्री शबनम कुमारी शामिल हैं. जख्मी छात्रा रविंद्र साव की 13 वर्षीय पुत्री रिया के रूप बतायी जाती हैं. सदर अस्पताल में इलाजरत है. सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान परिजनों ने बताया कि आदर्श और शबनम छठी कक्षा के छात्र थे, जबकि रिया आठवीं क्लास की छात्रा है. तीनों गांव में ही कोचिंग के लिए गए थे. लौटते समय तेज गर्जना के साथ बारिश होने लगी.
चल रहा इलाजः पानी से बचने के लिए तीनों पास के ही एक आम के पेड़ के नीचे छिप गए. तभी पेड़ पर अचानक वज्रपात हुई, जिसकी चपेट में आने से तीनों गंभीर रूप से झुलस गए. चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर परिजन व घर के सदस्य घटनास्थल की ओर दौड़े. तीनों को आनन-फानन में सदर अस्पताल भर्ती करवाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद आदर्श और शबनम को मृत घोषित कर दिया वहीं रिया का अभी भी इलाज चल रहा है.
"घटना दुःखद है. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से दो बच्चों की मौत हुई है. शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया है."- संजय कुमार पांडे, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी 01
आकाशीय बिजली से बचने के लिए बरतें सावधानी: जब मौसम खराब हो और बिजली कड़क रही हो, तो घर के अंदर रहें. घर, स्कूल या किसी पक्के भवन के अंदर शरण लें. पेड़ों के नीचे, खुले मैदानों में या ऊँची जगहों पर न रहें. बिजली गिरने के दौरान धातु की वस्तुओं से दूर रहें, जैसे छतरी, साइकिल, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, या अन्य धातु के उपकरण. यदि आप खुले में हैं और आश्रय नहीं है, तो पैरों को एक साथ रखकर बैठ जाएं. जमीन के संपर्क को जितना हो सके कम करें. इन सलाहों को अपनाकर आप आकाशीय बिजली के खतरों से बच सकते हैं और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं.
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