कोटा. शहर के अनंतपुरा थाना क्षेत्र की एक फैक्ट्री में दो मासूम बच्चियों की डूबने से मौत हो गई. दोनों बच्चियां फैक्ट्री परिसर में बने आवास में रहती थीं. हादसे के दौरान दोनों परिसर में खेल रही थीं. इसी क्रम में फैक्ट्री परिसर में बने 4.5 फीट गहरी हौद में दोनों डूब गईं. उसके बाद परिजनों ने किसी तरह से दोनों को हौद से बाहर निकाला और फिर उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. ऐसे में दोनों के शवों को मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया, जहां शनिवार को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया होगी.
अनंतपुरा थाने के सहायक उपनिरीक्षक कुंदन ने बताया कि अस्पताल से उन्हें सूचना मिली थी कि दो मासूस बच्चियां थाना क्षेत्र स्थित एक फैक्ट्री की हौद में डूब गई थीं. उन्हें अस्पताल लाया गया है. दोनों बच्चियों की शिनाख्त 3 वर्षीय काली और 4 वर्षीय रवीना पुत्री डूबल्या के रूप में हुई है. मृतक बच्चियों की मां बसंती ने बताया कि वो अपने पति डूबल्या भील के साथ शिवपुरी जिले से कोटा आकर रह रही है. उसका पति फैक्ट्री में ट्रैक्टर चलाता है, जबकि रात के समय एक उद्योगपति की फैक्ट्री में चौकीदारी करता है. वे लोग परिवार के साथ फैक्ट्री परिसर बनी एक झोपड़ी में रहते हैं.
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बसंती ने बताया कि बारिश का पानी उसके क्वार्टर में घुस गया था. ऐसे में वो उसकी सफाई में लगी थी और दोनों बेटियां बाहर खेल रही थी. इस उसे बच्चियों की हौद में डूबने के बारे में कुछ पता ही नहीं चला. वहीं, शाम करीब 4 बजे जब उसका पति घर लौटा तब वो बच्चियों के बारे में पूछा. इस बीच बच्चियों को तलाशते हुए वो हौद की ओर गया. उसके बाद घटनाक्रम का पता चला. उसने दोनों बेटियों को हौद से बाहर निकाला और फिर उसे आनन-फानन में दोनों को लेकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. वहीं, बालाजी स्टोन इंडस्ट्रीज के मालिक प्रकाश गुप्ता का कहना है कि यह एक हादसा है, जो कहीं भी हो सकता है.
घटना के समय फैक्ट्री में करीब आधा दर्जन लोग काम कर रहे थे, लेकिन किसी भी शख्स को घटना की कोई जानकारी नहीं थी और न ही हौद को पूरी तरह से कवर किया गया था. हालांकि, अनंतपुरा थाना अधिकारी भूपेंद्र सिंह चारण इस हादसे को फैक्ट्री के बाहर होने की बात कह रहे हैं.