औरंगाबाद: बिहार औरंगाबाद में तालाब में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई है. घटना पोईवां रोड स्थित बैजनाथ बिगहा गांव की है. जहां सोमवार की शाम तालाब में ये लोग डूब गए थे. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के बच्चे तालाब के किनारे गेंद खेल रहे थे. तभी खेलते-खेलते गेंद तालाब में चली गई. इसी दौरान गेंद निकालने के लिए पांच बच्चे कूदे और फिर तालाब में नहाने लगे, लेकिन दो डूब गए. वहीं 3 बच्चे किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले.
ग्रामीणों ने तीन घंटे तक सड़क को किया जाम: आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह बैजनाथ बिगहा के समीप औरंगाबाद-पोईवां रोड को जाम कर दिया. आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला एवं पुलिस प्रशासन पर उदासीन रवैया बरतने का आरोप लगाते हुए सड़क को लगभग तीन घंटे तक जाम रखा. इस दौरान आक्रोशितों ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर इस घटना में उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
डूबने के दूसरे दिन मिला बच्चे का शव: बैजनाथ बिगहा गांव निवासी प्रमोद उर्फ साधु यादव के 12 वर्षीय पुत्र राकेश का शव सोमवार की शाम को ही तालाब से बरामद कर लिया गया था. वहीं दूसरे बच्चे का शव मंगलवार को बरामद हुआ. जिसकी पहचान बैजनाथ बिगहा गांव निवासी गुड्डू कुमार के 10 वर्षीय पुत्र आयुष कुमार के रूप में हुई है.
ग्रामीणों को फोन के बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी: ग्रामीणों ने बताया कि एक बच्चे के तालाब में डूबे होने की सूचना पर रात में अधिकारियों एवं पुलिस प्रशासन को कई बार फोन लगाया गया, लेकिन किसी ने भी संज्ञान नहीं लिया. इतना ही नहीं गोताखोरों के नहीं रहने के बाद भी जब शव ग्रामीणों की मदद से बाहर निकाल लिया गया. तब थानाध्यक्ष ने शव लेकर नगर थाना आने को कहा. सड़क जाम के दौरान ग्रामीण मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे थे.
"नदी में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई है. शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम किया था. मांग पूरी होने की बात पर सभी को हटाया गया और परिचालन शुरू किया गया. पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है."- उपेंद्र कुमार सिंह, नगर थानाध्यक्ष
ग्रामीण अधिकारियों के रवैए से नाराज: बच्चों के शव मिलने की जानकारी मिलते ही जिला पार्षद अनिल यादव एवं राजद नेता डॉ रमेश यादव घटना स्थल पर पहुंचे और पूरी मामले की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि यह घटना काफी हृदय विदारक है. ग्रामीण प्रशासनिक पदाधिकारियों के रवैए से काफी नाराज हैं. उन्होंने बताया कि ग्रामीण रात से ही गोताखोर की मांग करते रहे थे और घटनास्थल पर अधिकारियों के आने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन उनकी तरफ से उदासीनता बरती गई. वहीं सूचना पर औरंगाबाद बीडीओ घटनास्थल पर स्थल पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया.
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