पटना: बिहार के सभी प्रमुख दल अपने-अपने तरीके से जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जयंती मनाई. प्रशांत किशोर के तरफ से भी जयंती का आयोजन किया गया. जहां कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति ठाकुर ने बेबाकी से अपनी बात रखी. जागृति ने कहा कि बिहार के लिए दुर्भाग्य की बात यह है कि पिछले 32 वर्षों से बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का नाम बेच कर राजनीति करने वाले लोग सत्ता में हैं.
प्रशांत किशोर बनेंगे जननायक की आवाज: जागृति ने कहा कि उन लोगों ने कभी भी कर्पूरी ठाकुर के राजनीतिक सुचिता ईमानदारी और नैतिकता को आत्मसात नहीं किया. उन्होंने कहा कि जितने भी दल कर्पूरी जी की जयंती मना रहे हैं उनके नेता कर्पूरी ठाकुर के सिद्धांत पर नहीं चलते हैं. मुझे विश्वास है कर्पूरी जी के विचारों को प्रशांत किशोर ही लेकर चलेंगे और जननायक की आवाज बनेंगे.
पीके का कंधे से कंधे मिलाकर साथ दूंगी: क्या लगता है प्रशांत किशोर अति पिछड़ों की लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे?. इस पर जागृति ठाकुर ने कहा कि निश्चित रूप से. मैं उनके कंधे से कंधे मिलाकर साथ दूंगी. कर्पूरी ठाकुर की पोती होने के कारण आपको प्रशांत किशोर ने जगह दी है. इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कर्पूरी ठाकुर बड़े नेता थे जननायक के विचारों को हम आगे जरुर बढ़ाएंगे. चुनाव लड़ने को लेकर जागृति ठाकुर ने कहा कि पार्टी जो फैसला लेगी उसे हम मानेंगे.
कर्पूरी के नाम पर सियासत:सभी दल कर्पूरी जी की जयंती के बहाने राजनीति कर रहे हैं तो क्या प्रशांत किशोर भी राजनीति कर रहे हैं. इस सवाल पर जागृति ठाकुर ने कहा मुझे तो ऐसा नहीं लगता है अभी तो ऐसा नहीं लग रहा है. प्रशांत किशोर ने अति पिछड़ों को 70 सीट देने की घोषणा की है. इस पर जागृति ठाकुर का कहना है कि देना ही चाहिए क्यों नहीं देंगे.
लालू-नीतीश मेरे दादा के शिष्य: लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर के उत्तराधिकारी होने का दावा करते हैं. इस सवाल पर जागृति ठाकुर का कहना है कि सभी आदरणीय हैं. मेरे दादा के शिष्य अपने आप को बताते हैं लेकिन कोई भी उनके सिद्धांतों पर नहीं चलते हैं. कर्पूरी ठाकुर ने परिवारवाद के खिलाफ राजनीति की थी. इस सवाल पर जागृति ने कहा कि उनके निधन के बाद ही लोग राजनीति में आए हैं.
कौन संभालेगा विरासत?: उन्होंने कहा कि जब जननायक का निधन हुआ तो देश के बड़े नेता मुलायम सिंह यादव, देवीलाल, भागवत झा आजाद जैसे दिग्गज नेताओं ने कहा था कि जननायक की विरासत कौन संभालेगा. उस वक्त मेरे पिता डॉ वीरेंद्र ठाकुर का नाम उन लोगों ने लिया लेकिन मेरे पिताजी ने कहा कि बड़े भाई बेरोजगार हैं. उन्हीं को दिया जाए. उस समय का पत्र मेरे पिताजी के पास है.
कौन है जागृति ठाकुर?: डॉ जागृति बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की पौत्री हैं. डॉ जागृति के पिता वीरेंद्र नाथ ठाकुर कर्पूरी ठाकुर के छोटे पुत्र हैं. 28 जुलाई की पटना में जन सुराज के कार्यक्रम जागृति ठाकुर ने जन सुराज पार्टी का दामन थामा था. कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉ जागृति चर्चित चेहरा हैं. प्रशांत किशोर के साथ उनके अभियान में जुड़ने वाली डॉ जागृति चर्चा के केंद्र में बनी हुई है.
कौन थे कर्पूरी ठाकुर?: कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे. वो पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद में 1977 में वो दो साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे. वो प्यार से 'जन नायक' (जनता के नेता) के रूप में जाने जाते थे. उनका निधन 1988 में हो गया था. पिछले साल 2024 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया है.
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