बेंगलुरु: अगर आपको अपनी घर की छत पर खड़े होकर खुले आसमान में पड़ोसी ग्रहों को देखने को मौका मिला तो आपको कैसा लगेगा? यह अनुभव ज्यादा खास तब हो जाता है, जब बहुत सारे ग्रह एक साथ दिखाई दें. यह आपके लिए वाकई में एक बड़ा रोमांचक अनुभव हो सकता है. ऐसा मौका आपको भी मिल सकता है. अगर आप सच में ऐसा अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं, तो आजकल आपको आसमान में ऐसा ही नज़ारा देखने को मिल सकता है.
प्लैनेटरी परेड किसे कहते हैं?
इस दौरान हमारे सौर मंडल के चार ग्रह - Venus, Saturn, Jupiter, और Mars - को एक साथ नग्न आँखों से शाम के आकाश में देखा जा सकता है. धरती से आसमान में दिखने वाली ग्रहों के इस एलाइंगमेंट को "प्लैनेटरी परेड" के नाम से जाना जाता है. सूर्यास्त के बाद, शाम को ये चारों ग्रह एक साथ आसमान में दिखाई देंगे.
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics - IIA) का कहना है कि वर्तमान में चार ग्रहों का एलाइंगमेंट zodiacal belt में एक आर्क बनाते हुए दिखाई दे रही है और यह फरवरी की शुरुआत तक ऐसी ही रहेगी. हालांकि, आसमान में एक साथ दिखने वाले चार ग्रहों का एलाइंगमेंट न ही दुर्लभ है और ना ही विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन फिर भी यह देखने योग्य है.
यह एक अद्भूत नज़ारा होगा, जिसमें आप Venus को उसके चांदी जैसे रंग में, Saturn को पीले रंग में, Jupiter को सफेद रंग में और Mars को चमकते हुए लाल रंग में एक साथ, एक ही वक्त में देख पाएंगे.
कब और कहां दिखेंगे ये ग्रह?
वर्तमान में, अगर हम सूरज डूबने के करीब एक घंटे बाद पश्चिम की ओर दिखने वाले आकाश को देखें, तो जो सबसे चकमती हुई चीज़ दिखाई देगी, वो Venus यानी शुक्र ग्रह होगा, जो हॉरीज़ोन से लगभग 30 डिग्री ऊपर होगा. शुक्र ग्रह के ठीक बगल में, शनि (Saturn) ग्रह दिखेगा, जो पीले तार जैसा दिखाई देगा.
इनके अलावा अगर आप सूर्य अस्त होने के करीब एक घंटे बाद ही आसमान में पूर्व की ओर, थोड़ी ऊंचाई पर देखेंगे तो आपको बृहस्पति (Jupiter) ग्रह दिखाई देगा. बृहस्पति ग्रह से और भी पूर्व की ओर लाल रंग में चमकती हुई दिखाई देने वाली चीज मंगल (Mars) ग्रह होगी.
इतना ही नहीं, आजकल आप आसमान में बुध (Mercury) ग्रह को भी देख सकते हैं. अगर आप सुबह सूर्य उगने से पहले, पूर्वी आकाश की ओर देखेंगे तो आप बुध ग्रह को उदय होते हुए भी देख सकते हैं. मार्च के बाद, बुध ग्रह सुबह के बजाय शाम को दिखने लगेगा. हालांकि, आजकल अरुण (Uranus) और वरुण (Neptune) भी रात के आकाश में दिखाई देते हैं, लेकिन ये ग्रह इतनी ज्यादा दूर हैं, कि इन्हें बाकी ग्रहों की तरह नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है. इन्हें देखने के लिए आपको टेलीस्कोप का इस्तेमाल करना होगा.
यह कोई दुर्लभ संयोग नहीं है: IIA
सौर मंडल के आठों ग्रह सूर्य के चारों ओर लगभग एक ही प्लेन में घूमते हैं. पृथ्वी से देखने पर, वे आकाश में एक पतली पट्टी के भीतर चलते हुए दिखाई देते हैं, जो देखने में एक बहुत बड़े कंगन जैसा लगता है. इन ग्रहों की सूर्य के चारों ओर ऑर्बिट लगभग एक ही प्लेन में होती है और हरेक ग्रह का प्लेन Ecliptic से सिर्फ कुछ ही डिग्री झुका हुआ होता है. इसी कारण पृथ्वी से इन ग्रहों को देखने पर, इनकी पोजिशन हमेशा इसी प्लेन पर एलाइंग हुई लगती है.
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (Indian Institute of Astrophysics - IIA) के आउटरीच सेक्शन के प्रमुख, निरुज मोहन रामानुजम, ने ईटीवी भारत के साथ एक खास इंटरव्यू में कहा कि ग्रह जब अपनी कक्षाओं में सूर्य के चारों ओर घूमते हैं, तो कुछ ग्रह शाम को दिखाई देते हैं जबकि कुछ ग्रह सुबह दिखाई देते हैं. उनमें से ज्यादातर ग्रह, पृथ्वी से देखने पर कभी-कभी सूर्य के एक ही ओर दिखाई देते हैं. रामानुजम के अनुसार, ग्रहों की स्थिति समय के साथ बदलती रहती है. वर्तमान में, आसमान में दिखने वाला नज़ारा ग्रहों का एक खास एलाइंगमेंट हैं, लेकिन दुर्लभ नहीं है.
उन्होंने कहा कि,
"इस तरह की एलाइंगमेंट नियमित रूप से होते हैं और यह कोई दुर्लभ घटनाएं नहीं है. सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली बात कि, ऐसा लाखों सालों के बाद एक बार होता है, पूरी तरह से गलत है. इस प्रकार की एलाइंगमेंट्स का पूर्वानुमान हर साल लगाया जाता है और फिर से देखा भी जाता है. 3 जून 2024 से 9 जून 2024 को दिखाई दिए एलाइंगमेंट इसका एक हालिया उदाहरण है."
चूंकि सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर लगभग एक ही प्लेन में घूमते हैं, इसलिए हमारे आकाश में ग्रहों, सूर्य और चंद्रमा का रास्ता एक एक बहुत बड़े घेरे (Great Circle) के अंदर होता है, जो हमारे बिल्कुल केंद्र में स्थित होता है. इसे ही हम ज़ोडाइकल बेल्ट (Zodiacal Belt) कहते हैं. इसे हिंदी में राशि चक्र भी कहते हैं. इसके बारे में समझाते हुए, निरुज मोहन रामानुजम ने बताया कि,
"यह बेल्ट और Ecliptic को 12 राशि चक्र नक्षत्रों (zodiacal constellations) में विभाजित किया गया है. जब ग्रह अपनी कक्षाओं के साथ चलते हैं, तो वे इस क्षेत्र के भीतर ही रहते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि वे हमारे चारों फैले एक बहुत बड़े गोले में घूम रहे हैं. जब अधिकांश ग्रह एक-दूसरे के करीब होते हैं, तो वो आकाश में एक लाइन या एक आर्क के रूप में दिखाई देते हैं. ग्रहों की इस परेड में कोई खास अंतराल या नियमितता नहीं होती है लेकिन ग्रहों की स्थिति को सटीक रूप से पूर्वानुमानित किया जा सकता है."
कितने दिनों तक दिखेगी ग्रहों की ये परेड?
आसमान में दिखने वाले ग्रहों की इस परेड की अवधि के बारे में बात करते हुए रामानुजम ने कहा कि, "ग्रह अपनी कक्षाओं में सूर्य से दूरी के आधार पर अलग-अलग गति से चलते हैं. इस कारण जो ग्रह सूर्य से जितनी दूरी पर होते हैं, वो उतने धीरे चलते हैं. यही कारण है कि आसमान में बुध, मंगल और शुक्र ग्रह काफी तेजी से चलते हैं, जबकि बृहस्पति और शनि धीमी गति से चलते हैं. हालांकि फिलहाल, शुक्र, शनि, बृहस्पति और मंगल की एलाइंगमेंट कई हफ्तों तक दिखाई देगी. इन ग्रहों की स्थिति धीरे-धीरे और विभिन्न गति से बदलती रहेगी. शनि को अब सूर्य अस्त के बाद देखा जाएगा. ये एक प्राकृतिक चक्र हैं, जो होते रहते हैं."
अगर आपको आसमान में सौर मंडल में घूमने वाले बाकी ग्रहों को देखने में मजा आता है और ऐसी इच्छा होती है, तो अगले कुछ हफ्तों तक आप प्रकृति के इस अद्भूत नज़ारे को देख सकते हैं और उसका आनंद ले सकते हैं.
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