भरतपुर. केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे भरतपुर-धौलपुर के जाटों का महापड़ाव 13वें दिन सोमवार को भी जारी है. सोमवार को जाट समाज ने रूपवास के जटमासी गांव में एक और महापड़ाव शुरू कर दिया. उधर, केंद्र सरकार से वार्ता के लिए आरक्षण संघर्ष समिति ने पांच सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल गठित कर दिया है, लेकिन अभी तक केंद्र की ओर से वार्ता के लिए समय और तारीख निश्चित नहीं की गई है. ऐसे में संयोजक नेम सिंह फौजदार का कहना है कि आरक्षण मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा. इस बार समाज आर-पार की मंशा बनाकर बैठा है.
आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार के साथ वार्ता के लिए 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल तैयार है. फिलहाल, केंद्र सरकार की तरफ से वार्ता का समय निश्चित नहीं किया है, जैसे ही समय और तारीख निश्चित होगी प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए दिल्ली रवाना हो जाएगा. वार्ता में प्रदेश सरकार के दो मंत्री और दो विधायकों की कमेटी भी मौजूद रहेगी.
एक और महापड़ाव शुरूः नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर और धौलपुर की जाट समाज में आरक्षण को लेकर आक्रोश है. सोमवार को रूपवास के जटमासी गांव में भी जाट समाज ने महापड़ाव शुरू कर दिया है. यह महापड़ाव भी आरक्षण मिलने तक जारी रहेगा. बता दें कि दोनों जिलों के जाट समाज की ओर से 17 जनवरी से जयचोली में महापड़ाव जारी है. जाट समाज की तीन सूत्री मांग हैं. इनमें दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण मिले. समाज के 56 युवाओं को चयन के बावजूद अब तक शिक्षक, शारीरिक शिक्षक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति नहीं मिली है, उन्हें नियुक्ति दी जाए. वर्ष 2017 के आंदोलन के दौरान समाज के युवाओं और लोगों के खिलाफ जो पुलिस में मामले दर्ज हुए उन्हें हटाया जाए.