दौसा. प्रदेश की भजनलाल सरकार भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और पेपरलीक जैसे गंभीर मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर अपराधियों को हवालात की हवा खिला रही है. शुक्रवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) टीम ने महुवा निवासी राजस्थान पुलिस के सब इंस्पेक्टर को आरपीए से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार सब इंस्पेक्टर डालूराम मीणा इन दिनों राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा था. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस और एसओजी के अनुसार उप निरीक्षक संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2021 में चयनित हुए सब इंस्पेक्टर डालूराम मीणा ने परीक्षा में डमी कैंडिडेट बैठाकर प्रतियोगी परीक्षा पास की थी.
जांच में हुआ खुलासा : दरअसल, दौसा जिले की महुवा तहसील के गांव ठेकड़ा निवासी आरोपी सब इंस्पेक्टर डालूराम मीणा ने प्रतियोगी परीक्षा 2021 में खुद के स्थान पर हरचन्द उर्फ हरीश उर्फ हरसनराम पुत्र आईदानाराम देवासी निवासी जोधावास को डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा केंद्र में बिठाया था. डमी कैंडिडेट की ओर से परीक्षा देने के आधार पर आरोपी सब इंस्पेक्टर ने 1402वीं रैंक हासिल की थी. इसके बाद आरोपी का सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हो गया, लेकिन मामले की शिकायत मिलने के बाद गुप्त रूप से मामले की जांच की गई. ऐसे में राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का प्रयोग) अधिनियम 1992 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच करने पर इसका खुलासा हुआ.
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आरपीए में ले रहा था प्रशिक्षण : आरोपी सब इंस्पेक्टर के बारे में जानकारी जुटाने पर पता चला कि आरोपी राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण ले रहा है, जहां से एसओजी की टीम की ओर से आरोपी को गिरफ्तार किया गया. एसओजी की जांच में सामने आया कि आरोपी सब इंस्पेक्टर 2014 से 2023 तक राजस्व विभाग में पटवारी के पद पर कार्यरत था.
पूछताछ के बाद मुन्ना भाई तक पहुंची एसओजी : सब इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बाद एसओजी ने आरोपी से डमी कैंडिडेट के बारे में पूछताछ की. इस दौरान सांचौर जिला निवासी हरचंद उर्फ हरीश का नाम सामने आया. डमी कैंडिडेट हरचंद को पहले भी जयपुर में एयरपोर्ट थाना पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षा में डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहीं, जांच में सामने आया कि 2021 में जयपुर में गिरफ्तारी से एक दिन पहले ही डमी कैंडिडेट के रूप में उसने डालूराम के स्थान पर परीक्षा दी थी. जांच के दौरान दोनों आरोपियों के मध्य एसओजी टीम को पैसे के लेन-देन के सबूत भी मिले हैं. ऐसे में एसओजी टीम की ओर से आगे की कार्रवाई की जा रही है. मामले में अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आ सकते हैं.