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जिंदा बम प्रकरण में गलता गेट थाने के तत्कालीन एसएचओ का बयान दर्ज - Jaipur Live Bomb Case - JAIPUR LIVE BOMB CASE

Jaipur Live Bomb Case, जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में सोमवार को मई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान मिले जिंदा बम मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गलता गेट थाने के तत्कालीन एसएचओ सुरेश कुमार ने बयान दर्ज कराए. बयान में सुरेश कुमार ने कहा कि 13 मई, 2008 को उन्हें तत्कालीन नॉर्थ एसपी से बम ब्लास्ट की सूचना मिली थी.

Jaipur Live Bomb Case
तत्कालीन एसएचओ का बयान दर्ज (ETV BHARAT JAIPUR)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 30, 2024, 9:43 PM IST

जयपुर : जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में सोमवार को मई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान मिले जिंदा बम मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गलता गेट थाने के तत्कालीन एसएचओ सुरेश कुमार ने बयान दर्ज कराए. मामले में कुल 115 गवाहों में से 107 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. बयान में सुरेश कुमार ने कहा कि 13 मई, 2008 को उन्हें तत्कालीन नॉर्थ एसपी से बम ब्लास्ट की सूचना मिली थी.

वे जौहरी बाजार में एलएमबी के पास दुकान नंबर 81 पर गए थे. वहां पर उन्होंने मौका नक्शा बनाया और वहां से साइकिल, छरें, जूते और एक पानी की टंकी जब्त की थी. जिस पर बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मिनाजउल हक ने अभियोजन के गवाह से जिरह करते हुए कहा कि घटनास्थल से न तो उसने फुट प्रिंट लिए और न ही फिंगर प्रिंट ही लिए थे. उन्होंने सीसीटीवी कैमरों के संबंध में भी तफ्तीश नहीं की गई और जब उन्होंने साइकिल रिकवर कर ली थी तो फिंगर प्रिंट क्यों नहीं लिए.

इसे भी पढ़ें - 16 साल से न्याय की आस में बम धमाके के पीड़ित, जानें दर्द की पूरी दास्तां

इस मामले में अभियोजन की ओर से अभी 8 गवाहों के बयान दर्ज करवाए जाने हैं. गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी. वहीं, इस दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था.

जयपुर : जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में सोमवार को मई 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दौरान मिले जिंदा बम मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से गलता गेट थाने के तत्कालीन एसएचओ सुरेश कुमार ने बयान दर्ज कराए. मामले में कुल 115 गवाहों में से 107 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं. बयान में सुरेश कुमार ने कहा कि 13 मई, 2008 को उन्हें तत्कालीन नॉर्थ एसपी से बम ब्लास्ट की सूचना मिली थी.

वे जौहरी बाजार में एलएमबी के पास दुकान नंबर 81 पर गए थे. वहां पर उन्होंने मौका नक्शा बनाया और वहां से साइकिल, छरें, जूते और एक पानी की टंकी जब्त की थी. जिस पर बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मिनाजउल हक ने अभियोजन के गवाह से जिरह करते हुए कहा कि घटनास्थल से न तो उसने फुट प्रिंट लिए और न ही फिंगर प्रिंट ही लिए थे. उन्होंने सीसीटीवी कैमरों के संबंध में भी तफ्तीश नहीं की गई और जब उन्होंने साइकिल रिकवर कर ली थी तो फिंगर प्रिंट क्यों नहीं लिए.

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इस मामले में अभियोजन की ओर से अभी 8 गवाहों के बयान दर्ज करवाए जाने हैं. गौरतलब है कि 13 मई, 2008 को शहर में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे. जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हुई थी. वहीं, इस दौरान चांदपोल हनुमान मंदिर के पास एक जिंदा बम मिला था.

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