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खत्म हुआ नाहन नगर परिषद में सियासी संकट, सांसद सुरेश कश्यप की बहन बनी रहेंगी अध्यक्ष - NAHAN MUNICIPAL COUNCIL

नाहन परिषद अध्यक्ष के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव टल गया है. बीजेपी के दो पार्षदों ने फिर उन्हें अपना समर्थन दे दिया है.

श्यामा पुंडीर बनी रहेंगी नगर नगर परिषद नाहन की अध्यक्ष
श्यामा पुंडीर बनी रहेंगी नगर नगर परिषद नाहन की अध्यक्ष (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 2:03 PM IST

नाहन: सांसद सुरेश कश्यप की बहन श्यामा पुंडीर ही नाहन नगर परिषद की अध्यक्ष बनी रहेंगी. भाजपा समर्थित 2 पार्षदों नगर परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल के यू-टर्न के बाद जिला प्रशासन ने आज बुलाई बैठक को रद्द कर दिया है. इस संबंध में डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने आदेश जारी कर दिए है.

डीसी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नगर परिषद नाहन की अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में अधियाचना प्रस्तुत की गई थी. इस पर हिमाचल प्रदेश नगर निगम चुनाव नियम 2015 की धारा 92 (2) और (3) के तहत आदेश जारी किए गए थे, जिस पर एसडीएम नाहन को विचार करने के लिए कम से कम 15 दिनों का नोटिस देकर एक विशेष बैठक बुलाने के लिए अधिकृत किया गया था. प्रस्ताव पर विचार के लिए एसडीएम की ओर से 4 जनवरी को विशेष बैठक निर्धारित की गई थी. अब नगर परिषद के दो निर्वाचित सदस्यों ने लिखित रूप से पुनः अध्यक्ष को समर्थन देते हुए प्रस्ताव वापस ले लिया है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कार्यालय आदेश जारी करते हुए 4 जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है.

सभी पार्षदों को बैठक रद्द होने की दी गई सूचना

उधर एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने बताया कि, 'नगर परिषद के समस्त 13 पार्षदों को पत्र लिखकर अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में निर्धारित की गई बैठक को रद्द करने के बारे में अवगत करवा दिया गया है. रद्द की गई बैठक की प्रति डीसी सिरमौर और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को भी भेजी गई है.'

कांग्रेस ने लगाए अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

दूसरी तरफ कांग्रेस समर्थित नगर परिषद के पार्षद राकेश गर्ग (पपली) ने आरोप लगाया कि, 'भाजपा समर्थित नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने पिछले चार वर्षों में शहर के लिए कोई काम नहीं किया, यही वजह थी कि भाजपा समर्थित पार्षदों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था. अब दोनों पार्षदों ने अध्यक्ष को दोबारा समर्थन किस दबाव में आकर दिया, ये इनका अंदरूनी मामला है, जबकि सच्चाई ये है कि इनमें से कोई भी पार्षद अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है. अध्यक्ष के पति नगर परिषद के हर काम में हस्तक्षेप करते हैं. इसी के चलते उपाध्यक्ष सहित पार्षद संध्या अग्रवाल अध्यक्ष से नाराज थे, लेकिन पुनः समर्थन वापस देकर ऐसा लगता है कि उक्त दोनों पार्षदों ने भी इन सभी चीजों को स्वीकार कर लिया है.'

बीजेपी के दो पार्षदों ने समर्थन लिया था वापस

बता दें कि गत 17 दिसम्बर को भाजपा समर्थित नगर परिषद में उस वक्त सियासी घमासान मच गया था, जब उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल ने अध्यक्ष श्यामा पुंडीर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद 18 दिसम्बर को कांग्रेस के 5 पार्षदों ने भी अध्यक्ष के खिलाफ डीसी को पत्र सौंपा था. 13 पार्षदों में से 7 पार्षदों की ओर से अध्यक्ष से समर्थन वापस लेने के बाद ही प्रशासन ने आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर यह बैठक बुलाई थी, लेकिन अब दोनों पार्षदों की नाराजगी समाप्त होने के बाद पिछले कई दिनों से चल रहा ये सारा राजनीतिक ड्रामा खत्म हो चुका है. लिहाजा श्यामा पुंडीर ही नगर परिषद में अध्यक्ष की कुर्सी संभाले रखेंगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में MMBS एग्जाम में होगा बड़ा बदलाव, AMRU ने नए प्रस्ताव को दी हरी झंडी

नाहन: सांसद सुरेश कश्यप की बहन श्यामा पुंडीर ही नाहन नगर परिषद की अध्यक्ष बनी रहेंगी. भाजपा समर्थित 2 पार्षदों नगर परिषद के उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल के यू-टर्न के बाद जिला प्रशासन ने आज बुलाई बैठक को रद्द कर दिया है. इस संबंध में डीसी सिरमौर सुमित खिमटा ने आदेश जारी कर दिए है.

डीसी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक नगर परिषद नाहन की अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में अधियाचना प्रस्तुत की गई थी. इस पर हिमाचल प्रदेश नगर निगम चुनाव नियम 2015 की धारा 92 (2) और (3) के तहत आदेश जारी किए गए थे, जिस पर एसडीएम नाहन को विचार करने के लिए कम से कम 15 दिनों का नोटिस देकर एक विशेष बैठक बुलाने के लिए अधिकृत किया गया था. प्रस्ताव पर विचार के लिए एसडीएम की ओर से 4 जनवरी को विशेष बैठक निर्धारित की गई थी. अब नगर परिषद के दो निर्वाचित सदस्यों ने लिखित रूप से पुनः अध्यक्ष को समर्थन देते हुए प्रस्ताव वापस ले लिया है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कार्यालय आदेश जारी करते हुए 4 जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया है.

सभी पार्षदों को बैठक रद्द होने की दी गई सूचना

उधर एसडीएम नाहन राजीव सांख्यान ने बताया कि, 'नगर परिषद के समस्त 13 पार्षदों को पत्र लिखकर अविश्वास प्रस्ताव के संदर्भ में निर्धारित की गई बैठक को रद्द करने के बारे में अवगत करवा दिया गया है. रद्द की गई बैठक की प्रति डीसी सिरमौर और नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को भी भेजी गई है.'

कांग्रेस ने लगाए अध्यक्ष पर गंभीर आरोप

दूसरी तरफ कांग्रेस समर्थित नगर परिषद के पार्षद राकेश गर्ग (पपली) ने आरोप लगाया कि, 'भाजपा समर्थित नगर परिषद अध्यक्ष श्यामा पुंडीर ने पिछले चार वर्षों में शहर के लिए कोई काम नहीं किया, यही वजह थी कि भाजपा समर्थित पार्षदों के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था. अब दोनों पार्षदों ने अध्यक्ष को दोबारा समर्थन किस दबाव में आकर दिया, ये इनका अंदरूनी मामला है, जबकि सच्चाई ये है कि इनमें से कोई भी पार्षद अध्यक्ष की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है. अध्यक्ष के पति नगर परिषद के हर काम में हस्तक्षेप करते हैं. इसी के चलते उपाध्यक्ष सहित पार्षद संध्या अग्रवाल अध्यक्ष से नाराज थे, लेकिन पुनः समर्थन वापस देकर ऐसा लगता है कि उक्त दोनों पार्षदों ने भी इन सभी चीजों को स्वीकार कर लिया है.'

बीजेपी के दो पार्षदों ने समर्थन लिया था वापस

बता दें कि गत 17 दिसम्बर को भाजपा समर्थित नगर परिषद में उस वक्त सियासी घमासान मच गया था, जब उपाध्यक्ष अविनाश गुप्ता और पार्षद संध्या अग्रवाल ने अध्यक्ष श्यामा पुंडीर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद 18 दिसम्बर को कांग्रेस के 5 पार्षदों ने भी अध्यक्ष के खिलाफ डीसी को पत्र सौंपा था. 13 पार्षदों में से 7 पार्षदों की ओर से अध्यक्ष से समर्थन वापस लेने के बाद ही प्रशासन ने आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर यह बैठक बुलाई थी, लेकिन अब दोनों पार्षदों की नाराजगी समाप्त होने के बाद पिछले कई दिनों से चल रहा ये सारा राजनीतिक ड्रामा खत्म हो चुका है. लिहाजा श्यामा पुंडीर ही नगर परिषद में अध्यक्ष की कुर्सी संभाले रखेंगी.

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