ETV Bharat / state

वाल्मीकि परिवार के घर अचानक पहुंचे बाबा बागेश्वर, साथ में पी चाय, हिंदू एकता का फिर दिया संदेश - DHIRENDRA SHASTRI IN VALMIKI FAMILY

शिवपुरी के करैरा में चल रही भागवत कथा का हुआ समापन. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने छुआछूत और जातिवाद खत्म करने का लिया संकल्प.

DHIRENDRA SHASTRI DRINKS TEA IN VALMIKI FAMILY
वाल्मीकि परिवार के घर पर धीरेंद्र शास्त्री ने पी चाय (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 7, 2024, 7:27 AM IST

शिवपुरी: करैरा स्थित बगीचा धाम में 2 दिसंबर से चल रही बागेश्वर सरकार की भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ. इसके बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम जाने के लिए निकले. इस दौरान वे रास्ते में अचानक रुककर करैरा के एक वाल्मीकि परिवार के घर पहुंच गए. जहां परिवार के लोगों ने बागेश्वर सरकार का स्वागत किया. साथ उनको प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लिया है. इसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पूरे परिवार के साथ बैठकर चाय का आनंद लिया.

छुआछूत के खिलाफ उठाया बड़ा कदम

हिंदू समाज में व्याप्त जातपात और छुआछूत जैसी कुरीतियों को मिटाने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने करैरा में यह कदम उठाया है. उनकी नई सोच और साहसी कदम को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. बागेश्वर सरकार इससे पहले भी कई बार जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. हाल ही में हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिरों में दलित समाज के पुजारी होने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने पदयात्रा के दौरान हिंदू एकता और भाईचारा का संदेश देते हुए नारा दिया था, "जात पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई."

bageshwar baba kath shivpuri
बागेश्वर सरकार ने 21 जोड़ों की कराई शादी (ETV Bharat)

छुआछूत मिटाने का दिया संदेश

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस कार्य से समाज के सभी वर्गों को छुआछूत मिटाने का बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने न केवल छुआछूत के खिलाफ बात कही, बल्कि अपने कार्यों से समाज को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. वाल्मीकि परिवार में चाय पीने के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, " जब भगवान राम शबरी के घर जाकर बेर खा सकते हैं और भगवान कृष्ण विदुरानी के घर जा सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं आ सकता हूं?

21 कन्याओं का करवाया विवाह

भागवत कथा समापन के अंतिम दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राम विवाह पंचमी बड़ी धूमधाम से मनाई. इस पावन अवसर पर उन्होंने 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह संपन्न कराया. इस दौरान महंत रामदास जी महाराज (दंदरौआ सरकार) और महंत अनिरुद्धाचार्य महाराज (धूमेश्वर सरकार) भी विवाह संस्कार में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया.

संसार के बंधनों से मुक्ति के लिए भक्ति जरुरी

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, '' इस दिन विवाह होना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन का प्रतीक है. जैसे भगवान राम और सीता का विवाह लोक कल्याण का मार्ग बना, वैसे ही यह विवाह भी समाज में आदर्श स्थापित करेगा. मनुष्य संसार के कई बंधनों में उलझा रहता है. इनसे छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपने जीवन में एक बड़ा बंधन जोड़ ले, और वह है भगवान का. मन खोलकर भक्ति करें, तभी ईश्वर की कृपा होती है.''

शिवपुरी: करैरा स्थित बगीचा धाम में 2 दिसंबर से चल रही बागेश्वर सरकार की भागवत कथा का गुरुवार को समापन हुआ. इसके बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम जाने के लिए निकले. इस दौरान वे रास्ते में अचानक रुककर करैरा के एक वाल्मीकि परिवार के घर पहुंच गए. जहां परिवार के लोगों ने बागेश्वर सरकार का स्वागत किया. साथ उनको प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लिया है. इसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पूरे परिवार के साथ बैठकर चाय का आनंद लिया.

छुआछूत के खिलाफ उठाया बड़ा कदम

हिंदू समाज में व्याप्त जातपात और छुआछूत जैसी कुरीतियों को मिटाने के उद्देश्य से बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने करैरा में यह कदम उठाया है. उनकी नई सोच और साहसी कदम को लोग खूब पसंद कर रहे हैं. बागेश्वर सरकार इससे पहले भी कई बार जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. हाल ही में हिंदू एकता पदयात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिरों में दलित समाज के पुजारी होने की बात कही थी. इसके अलावा उन्होंने पदयात्रा के दौरान हिंदू एकता और भाईचारा का संदेश देते हुए नारा दिया था, "जात पात की करो विदाई, हिंदू-हिंदू भाई-भाई."

bageshwar baba kath shivpuri
बागेश्वर सरकार ने 21 जोड़ों की कराई शादी (ETV Bharat)

छुआछूत मिटाने का दिया संदेश

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इस कार्य से समाज के सभी वर्गों को छुआछूत मिटाने का बड़ा संदेश दिया है. उन्होंने न केवल छुआछूत के खिलाफ बात कही, बल्कि अपने कार्यों से समाज को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है. वाल्मीकि परिवार में चाय पीने के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, " जब भगवान राम शबरी के घर जाकर बेर खा सकते हैं और भगवान कृष्ण विदुरानी के घर जा सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं आ सकता हूं?

21 कन्याओं का करवाया विवाह

भागवत कथा समापन के अंतिम दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने राम विवाह पंचमी बड़ी धूमधाम से मनाई. इस पावन अवसर पर उन्होंने 21 कन्याओं का सामूहिक विवाह संपन्न कराया. इस दौरान महंत रामदास जी महाराज (दंदरौआ सरकार) और महंत अनिरुद्धाचार्य महाराज (धूमेश्वर सरकार) भी विवाह संस्कार में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया.

संसार के बंधनों से मुक्ति के लिए भक्ति जरुरी

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, '' इस दिन विवाह होना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम और माता सीता के पवित्र मिलन का प्रतीक है. जैसे भगवान राम और सीता का विवाह लोक कल्याण का मार्ग बना, वैसे ही यह विवाह भी समाज में आदर्श स्थापित करेगा. मनुष्य संसार के कई बंधनों में उलझा रहता है. इनसे छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि व्यक्ति अपने जीवन में एक बड़ा बंधन जोड़ ले, और वह है भगवान का. मन खोलकर भक्ति करें, तभी ईश्वर की कृपा होती है.''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.