बाड़मेर. भगवान शिव की आराधना का पावन महीना सावन में पूरा वातावरण शिवमय हो रहा है. आज हम आपको ऐसे शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे जिसे बाड़मेर में किन्नरों की गादीपति (प्रमुख) ने बनवाया है. समुदाय की प्रमुख बबीता बाई ने जीवन भर में जोड़ी पाई-पाई से तीन साल पहले इस मंदिर को बनवाया था. अब यह मंदिर कम समय में ही लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र बन गया है. प्रतिदिन सुबह-शाम यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए उमड़ते हैं. बबीता बाई ने जीवनभर की जमा पूंजी करीब 40-50 लाख रुपए लगाकर इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया था. इस मंदिर में न केवल किन्नर समुदाय बल्कि 36 कौम के लोग इस मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करते हैं.
बबीता बाई ने देखा था मंदिर का सपना : बाड़मेर किन्नर समुदाय की गादीपति (प्रमुख) बबीता बाई ने बताया कि सालों पहले जब वह बाड़मेर आई थी. उस समय यह संकल्प लिया था कि जब कभी भी उनके पास पैसा होगा तो वो मंदिर जरूर बनवाएंगी. अपनी गुरु तारा बाई के समाज सेवा के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने सपने को साकार कर दिया. उन्होंने बताया कि इस सपने को पूरा करने के लिए जीवनभर में जोड़ी गई पाई-पाई को मंदिर में लगा दिया. इस मंदिर को बने हुए 3 साल हो गए है. शहर में कोई नजदीक शिव मंदिर नहीं है. ये मंदिर 36 कौम के लोगों के लिए 24 घण्टे खुला है. जब चाहे आकर भगवान के दर्शन करते हैं. लोगों की इस मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है और भगवान उनकी मनोकामना पूरी करते हैं.
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शिव परिवार का मंदिर : पंडित भरत जोशी बताते हैं कि किन्नर बबीता बाई ने यह मंदिर बनाया है. उन्होंने अपने गुरु के नाम पर इस मंदिर का नाम तारकेश्वर महादेव मंदिर रखा है. इस मंदिर में शिव-पार्वती, गणेशजी, कार्तिकेय व नंदी की प्रतिमा स्थापित है. शहर के कल्याणपूरा में यह मन्दिर स्थित है. शहर में कोई नजदीक शिव मंदिर नहीं होने की चलते बड़े बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने यहां आते हैं. सावन माह में तो श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है. श्रद्धालु मुकेश सोनी ने बताया कि पिछले 4 महीने से वह नियमित रूप से इस मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां सच्चे मन से आने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है.