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दो महीने के बच्चे के साथ अस्पताल पहुंची महिला को गर्दन पकड़कर बाहर निकाला, डीएम ने लिया संज्ञान - BUXAR PRIVATE HOSPITAL

बक्सर के निजी अस्पताल में महिला से दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. अस्पताल स्टाफ ने महिला को गर्दन पकड़कर अस्पताल से बाहर कर दिया.

बक्सर निजी अस्पताल में हंगामा
बक्सर निजी अस्पताल में हंगामा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 1, 2024, 5:43 PM IST

बक्सर: बिहार के बक्सर में निजी अस्पताल में मरीजों को साथ दुर्व्यवहार को लेकर जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसके बावजूद मरीजों के साथ निजी अस्पताल के कर्मी कोई मुरव्वत नहीं कर रहे हैं. दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के निजी अस्पताल में यूपी से एक महिला अपने दो माह के बच्चे के इलाज के लिए आयी थी. जहां बच्चे की मां के साथ अस्पताल कर्मियों के दुर्व्यवहार किया. इसको लेकर परिजनों ने जमकर हंगाम किया.

बक्सर में महिला से दुर्व्यवहार: दरअसल, पूरा मामला दिवाली के दिन का है. यूपी गाजीपुर जिले के महेंन के रहने वाले नाहिद खान और नूर सब्बा खातून अपने अन्य परिजनों के साथ दो माह के बच्चे का इलाज कराने के लिए नगर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में पहुंचे थे. मरीज के परिजनों ने बताया कि बच्चे को एक इंजेक्शन देने के लिए एक ही हाथ मे 6-से 7 जगहों पर निडिल धंसाया जा रहा था. जिससे बच्चे का पूरा हाथ लहूलुहान हो गया.

बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल
बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल (ETV Bharat)

महिला को गर्दन पकड़कर धकेला: परिजनों ने सीनियर डॉक्टर या ट्रेंड कम्पाउंडर से इंजेक्शन देने की बात कही. जिसके बाद अस्पताल कर्मियों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. कर्मियों ने गाली गलौज पर उतर गये और महिलाओं के गर्दन पकड़कर अस्पताल से बाहर कर दिया.

थाने में नहीं दर्ज की गई FIR: वहीं मरीज के परिजनों ने पुलिस पर भी अस्पताल के दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया. परिजन नाहिद खान ने बताया कि थाने में मौजूद पदाधिकारी से एफआईआर दर्ज करने को कहा तो पुलिस भी टाल मटोल करते नजर आए. हमने नगर थानाध्यक्ष की सरकारी नम्बर पर फोन किया, लेकिन छठ घाट का निरक्षण करने में व्यस्त होने के कारण थाने नहीं पहुंच सके.

डीएम ने लिया संज्ञान: निजी अस्पताल में मरीजों के परिजनों के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया. कहा कि मामले की जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. सिविल सर्जन जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. शिकायत मिलने के बाद 30-35 अस्पतालों पर हो कार्रवाई चुकी है. सील करने के साथ ही एफआईआर भी किया जाएगा.

"यह मामला मेरे संज्ञान में दिया गया है. सिविल सर्जन बक्सर को निर्देशित किया गया है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई करे. जिले के दोनों अनुमंडलों में अब तक 30-35 निजी अस्पतालों पर एफआईआर दर्ज कर सील कर दिया गया है." - अंशुल अग्रवाल, जिलाधिकारी, बक्सर

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बक्सर: बिहार के बक्सर में निजी अस्पताल में मरीजों को साथ दुर्व्यवहार को लेकर जिला प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. इसके बावजूद मरीजों के साथ निजी अस्पताल के कर्मी कोई मुरव्वत नहीं कर रहे हैं. दरअसल, नगर थाना क्षेत्र के निजी अस्पताल में यूपी से एक महिला अपने दो माह के बच्चे के इलाज के लिए आयी थी. जहां बच्चे की मां के साथ अस्पताल कर्मियों के दुर्व्यवहार किया. इसको लेकर परिजनों ने जमकर हंगाम किया.

बक्सर में महिला से दुर्व्यवहार: दरअसल, पूरा मामला दिवाली के दिन का है. यूपी गाजीपुर जिले के महेंन के रहने वाले नाहिद खान और नूर सब्बा खातून अपने अन्य परिजनों के साथ दो माह के बच्चे का इलाज कराने के लिए नगर थाना क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में पहुंचे थे. मरीज के परिजनों ने बताया कि बच्चे को एक इंजेक्शन देने के लिए एक ही हाथ मे 6-से 7 जगहों पर निडिल धंसाया जा रहा था. जिससे बच्चे का पूरा हाथ लहूलुहान हो गया.

बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल
बक्सर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल (ETV Bharat)

महिला को गर्दन पकड़कर धकेला: परिजनों ने सीनियर डॉक्टर या ट्रेंड कम्पाउंडर से इंजेक्शन देने की बात कही. जिसके बाद अस्पताल कर्मियों का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया. कर्मियों ने गाली गलौज पर उतर गये और महिलाओं के गर्दन पकड़कर अस्पताल से बाहर कर दिया.

थाने में नहीं दर्ज की गई FIR: वहीं मरीज के परिजनों ने पुलिस पर भी अस्पताल के दबाव में एफआईआर दर्ज नहीं करने का आरोप लगाया. परिजन नाहिद खान ने बताया कि थाने में मौजूद पदाधिकारी से एफआईआर दर्ज करने को कहा तो पुलिस भी टाल मटोल करते नजर आए. हमने नगर थानाध्यक्ष की सरकारी नम्बर पर फोन किया, लेकिन छठ घाट का निरक्षण करने में व्यस्त होने के कारण थाने नहीं पहुंच सके.

डीएम ने लिया संज्ञान: निजी अस्पताल में मरीजों के परिजनों के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले पर जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया. कहा कि मामले की जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. सिविल सर्जन जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. शिकायत मिलने के बाद 30-35 अस्पतालों पर हो कार्रवाई चुकी है. सील करने के साथ ही एफआईआर भी किया जाएगा.

"यह मामला मेरे संज्ञान में दिया गया है. सिविल सर्जन बक्सर को निर्देशित किया गया है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई करे. जिले के दोनों अनुमंडलों में अब तक 30-35 निजी अस्पतालों पर एफआईआर दर्ज कर सील कर दिया गया है." - अंशुल अग्रवाल, जिलाधिकारी, बक्सर

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