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राज्यसभा में बोले सासंद मदन राठौड़, साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा युवा और महिला नशे की लत में - MADAN RATHORE ON DRUG ADDICTION

राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने शून्यकाल में नशे की प्रवृत्ति विषय पर सदन का ध्यान आकर्षण किया.

RS MP Madan Rathore
राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Sansad TV)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 4, 2024, 9:48 PM IST

जयपुर: राज्यसभा में बुधवार को देश के युवाओं और महिलाओं में बढ़ रही है नशे की प्रवृत्तियां का मुद्दा उठा. राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने राज्यसभा के शून्यकाल में बच्चों और युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति जैसे गंभीर विषय पर सदन का ध्यान आकर्षण किया. राठौड़ ने कहा कि देश के 372 जिलों में 10.47 करोड़ से अधिक लोग नशे से प्रभावित है. इसमें विशेष रूप से 3.34 करोड़ युवा और 2.22 करोड़ महिला नशे की प्रवृत्ति से प्रभावित हैं. यह संख्या बेहद चिंतनीय है.

नशे की लत में नौनिहाल: राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 15 अगस्त, 2020 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने विशेष अभियान चलाकर नशा मुक्ति के लिए जागरूकता महाअभियान शुरू किया. इससे गैर-सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों की ओर से समाज में नशे के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है. राठौड़ ने सदन से मांग की कि बच्चों में नशे की रोकथाम के लिए प्रत्येक माह एक विशेष तलाशी अभियान चलाए जाने की कार्य योजना बनाई जाए. इस के साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाए.

पढ़ें: नशा मुक्त जयपुर की ई-शपथ की वेबसाइट लॉन्च, 21 लाख लोगों को शपथ दिलाने का लक्ष्य

राठौड़ ने बताया कि एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 से 17 वर्ष आयु समूह के करीबन 1.5 करोड़ बच्चे और किशोर अल्कोहल, अफीम, कोकीन, भांग सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. देश के बच्चों में बढ़ती नशे की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है. नशीले पदार्थों का सेवन किशोरों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.

पढ़ें: अंतराराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस 2024: जागरूकता कार्यक्रम और रैलियां निकाली, नशे के दुष्प्रभाव से लोगों को चेताया - Awareness against drug addiction

ओर अधिक प्रयास जरूरी: राठौड़ ने कहा कि यह अभियान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशीले पदार्थों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जागरूकता तथा मांग में कमी लाने के प्रयास एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपचार को शामिल करते हुए सुधार के त्रि-आयामी प्रयास किए जा रहे है. जागरूकता अभियान में देशभर से आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, महिला मंडलों और महिला स्वयं सहायता समूहों का भी सहयोग मिल रहा है. इस दौरान पूरे देश में अब तक 30 लाख से अधिक छात्र स्कूलों और कॉलेजों जैसे 55000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और सत्रों का आयोजन किया गया है.

जयपुर: राज्यसभा में बुधवार को देश के युवाओं और महिलाओं में बढ़ रही है नशे की प्रवृत्तियां का मुद्दा उठा. राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने राज्यसभा के शून्यकाल में बच्चों और युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति जैसे गंभीर विषय पर सदन का ध्यान आकर्षण किया. राठौड़ ने कहा कि देश के 372 जिलों में 10.47 करोड़ से अधिक लोग नशे से प्रभावित है. इसमें विशेष रूप से 3.34 करोड़ युवा और 2.22 करोड़ महिला नशे की प्रवृत्ति से प्रभावित हैं. यह संख्या बेहद चिंतनीय है.

नशे की लत में नौनिहाल: राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 15 अगस्त, 2020 को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने विशेष अभियान चलाकर नशा मुक्ति के लिए जागरूकता महाअभियान शुरू किया. इससे गैर-सरकारी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों की ओर से समाज में नशे के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है. राठौड़ ने सदन से मांग की कि बच्चों में नशे की रोकथाम के लिए प्रत्येक माह एक विशेष तलाशी अभियान चलाए जाने की कार्य योजना बनाई जाए. इस के साथ ही नशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाए.

पढ़ें: नशा मुक्त जयपुर की ई-शपथ की वेबसाइट लॉन्च, 21 लाख लोगों को शपथ दिलाने का लक्ष्य

राठौड़ ने बताया कि एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 से 17 वर्ष आयु समूह के करीबन 1.5 करोड़ बच्चे और किशोर अल्कोहल, अफीम, कोकीन, भांग सहित अन्य नशीले पदार्थों का सेवन कर रहे हैं. देश के बच्चों में बढ़ती नशे की लत एक गंभीर समस्या बन चुकी है. नशीले पदार्थों का सेवन किशोरों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालती है.

पढ़ें: अंतराराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस 2024: जागरूकता कार्यक्रम और रैलियां निकाली, नशे के दुष्प्रभाव से लोगों को चेताया - Awareness against drug addiction

ओर अधिक प्रयास जरूरी: राठौड़ ने कहा कि यह अभियान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशीले पदार्थों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जागरूकता तथा मांग में कमी लाने के प्रयास एवं स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपचार को शामिल करते हुए सुधार के त्रि-आयामी प्रयास किए जा रहे है. जागरूकता अभियान में देशभर से आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, महिला मंडलों और महिला स्वयं सहायता समूहों का भी सहयोग मिल रहा है. इस दौरान पूरे देश में अब तक 30 लाख से अधिक छात्र स्कूलों और कॉलेजों जैसे 55000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और सत्रों का आयोजन किया गया है.

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