शिमला: हिमाचल प्रदेश में शराब की बोतल पर मिल्क सेस लगाया गया है, जिससे सरकार को इस वित्तीय वर्ष में ₹90.77 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. इस रकम को सरकार हिम गंगा परियोजना सहित अन्य मदों पर खर्च करेगी. प्रदेश में शराब की बोतल पर 10 रुपए टैक्स मिल्क सेस रूप लिया जा रहा है, जिससे 1 अप्रैल 2023 से 31 जनवरी 2024 तक सरकार को ₹90,77,99,232 का कुल राजस्व प्राप्त हो चुका है. ये जानकारी विधानसभा सत्र में सीएम की अनुपस्थिति में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने अनुपूरक सवाल के जवाब में दी.
कांगड़ा जिला से सबसे अधिक राजस्व प्राप्त: शराब की बोतल पर लगाए गए मिल्क सेस से सरकार को सबसे अधिक राजस्व जिला कांगड़ा से ₹16,52,65,533 प्राप्त हुआ है. वहीं, बद्दी से ₹7,28,12,043, बिलासपुर से ₹5,25,91,960, चंबा से ₹5,33,82,839, हमीरपुर से ₹4,62,54,983, किन्नौर से ₹1,28,27,977, कुल्लू और लाहौल से ₹7,28,15,491, मंडी से ₹9,31,33,941, नूरपुर से ₹3,76,72,112, शिमला से ₹13,79,27,822, सिरमौर से ₹4,49,36,927, सोलन से ₹6,09,88,570 और जिला ऊना से ₹5,71,89,034 राजस्व प्राप्त हुआ है.
रिजर्व प्राइस से 369 करोड़ का अधिक राजस्व: हिमाचल प्रदेश में इस वित्तीय वर्ष 2023-24 में नई आबकारी नीति खुदरा दुकानों का आवंटन नीलामी-सह-निविदा(Auction-cum-Tender) से प्रदेश की शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी के लिए ₹1446 करोड़ रखी गई थी, जिसके लिए प्रदेश की शराब की खुदरा दुकानों की नीलामी के लिए सरकार ने रिजर्व प्राइस ₹1446 करोड़ रखा गया था. लेकिन सरकार को नीलामी से इससे बढ़कर ₹1815 करोड़ की आय प्राप्त हुई. इस तरह शराब के लिए निर्धारित रिजर्व प्राइस से ₹369 करोड़ का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में करीब 40 फीसदी अधिक है.
सदन में दी गई जानकारी के मुताबिक आबकारी नीति में संशोधन लाने से सरकारी राजस्व में ₹515 करोड़ की अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है. वहीं, वित्तीय वर्ष 2023-24 में सरकार ने आबकारी अधिनियम के अंतर्गत ₹2350.81 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें से विभाग ने 31 जनवरी 2024 तक ₹2187 करोड़ का राजस्व एकत्रित कर लिया गया है.
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