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मेरठ निगम कर्मचारियों पर भड़के राज्य सभा सांसद लक्ष्मीकांत, कहा-हराम की कमाई बंद कर दो नहीं तो... - Rajya Sabha MP Laxmikant

मेरठ नगर निगम कर्मचारियों पर राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई का पारा हाई हो गया. नगर निगम कार्यालय में ही कर्मचारियों को राज्य सभा सांसद ने जमकर लताड़ा और अल्टमीटेम दे दिया. आइए जानते हैं कि आखिर राज्य सभा सांसद क्यों भड़के?

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 3, 2024, 8:04 PM IST

राज्य सभा सांसद लक्ष्मीकांत मेरठ कर्मचारियों पर भड़के. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठः अपने तल्ख बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार नगर निगम कर्मचारियों पर राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई का पारा चढ़ा है. राज्यसभा सांसद ने नगर निगम के कर्मचारियों को लुटेरा कहते हुए यहां तक क्या डाला कि इन लोगों को हराम खाने के लिए चाहिए और ये तनख्वाह से बच्चे नहीं पाल सकते.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में हीलाहवाली पर भड़के लक्ष्मीकांत वाजपेयी.
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में हीलाहवाली पर भड़के लक्ष्मीकांत वाजपेयी. (Video Credit; ETV Bharat)

फौजी के साथ मारपीट की शिकायत पर कार्यालय का लिया जायजा
दरअसल, पिछले दिनों नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आए एक फौजी के साथ कर्मचारियों के द्वारा मारपीट भी की गई थी. साथ ही साथ लगातार विवादों में रहने वाले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग की खबरें भी सामने आती रही है. इन्हीं सबके बीच शनिवार को नगर निगम का जायजा लेने राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई पहुंचे थे. लक्ष्मी कांत जब नगर निगम के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में पहुंचे तो उनका का पारा चढ़ गया और उन्होंने कर्मचारियों को जमकर हड़काया.

मजबूर होकर नगर निगम में आना पड़ा
राज्य सभा सांसद ने कहा कि मजबूर होकर आज नगर निगम परिसर में आना पड़ा है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक फौजी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आया था. नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा उसे पीटा गया, जिसकी शिकायत फौजी के द्वारा की गई. मारपीट करने वाले लोगों को पहचान लिया गया लेकिन इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि हमारे देश की सुरक्षा करने वाला फौजी अपनी जान दाव पर लगा हमारी सुरक्षा करता है और अगर वह किसी काम से इस कार्यालय में आया था तो उसे पीटा गया.

राज्यसभा सांसद ने कर्मचारियों और अधिकारियों को जमकर लताड़ा.
राज्यसभा सांसद ने कर्मचारियों और अधिकारियों को जमकर लताड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat)

रजिस्ट्रार से कहा इस्तीफा दे दो
राज्य सभा सांसद ने कहा कि वह खुद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भ्रष्टाचार को लगातार उठाते रहे हैं. डॉक्टर गजेंद्र के द्वारा कहा गया कि ये उनका काम नहीं है, लेकिन उनसे जबरदस्ती काम लिया जा रहा है. जिस पर राज्यसभा सांसद ने उनसे इस्तीफा देने की बात कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक उन पर रजिस्ट्रार का चार्ज रहेगा तो बेईमानी होती रहेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 6 महीने से एक व्यक्ति जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लगातार दौड़ भाग कर रहा था लेकिन उसका प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया. जब उन्होंने नगर निगम में पहुंचकर कर्मचारियों को हड़काया तो तुरंत उसके बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र तैयार करके उसे दे दिया गया. जिसका साफ मतलब है कि इन्हें काम के बदले पैसा दिया जाए. उस पैसे से उनके कुत्ते ऐसी में सो रहे हैं और इनके लड़के दून स्कूल में पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम जनता के साथ उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा और भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इनकी जान के पीछे लग जाएगा.

नगर निगम की वजह से 24 करोड़ की सड़क बेकार
राज्य सभा सांसद ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को नौकरी करना हराम कर दूंगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम के द्वारा बनाई जा रही सड़क नहीं बन पाई, क्योंकि 28 मीटर का नाला नगर निगम की वजह से नहीं जुड़ पाया है. उन्होंने कहा कि इस कार्य में 24 करोड़ रुपये लगे हैं जोकि 28 मीटर नाले को नहीं जोड़े जाने की वजह से बेकार हो रहा है. जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को जलभराव की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि नगर निगम में काफी लंबे समय से एक ही पद पर तैनात कर्मचारियों के पटल परिवर्तन किया जाना चाहिए और किसी भी नेता के दबाव में उसका वापस पटल परिवर्तन ना किया जाए.

जनता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा
इस दौरान उन्होंने नगर निगम कर्मचारी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हराम खाने वालों को ईमानदारी की कमाई करें और दाल में नमक बराबर खाएं तो भी बात समझ आती है. लेकिन इसके कारण मेरठ की जनता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फौजी के साथ मारपीट करने वाले लोगों पर अगर तीन-चार दिन के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो जो कार्रवाई करने वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें-मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार ट्रिपल मर्डर केस के 10 आरोपी दोषी करार, पांच अगस्त को सुनाई जाएगी सजा

राज्य सभा सांसद लक्ष्मीकांत मेरठ कर्मचारियों पर भड़के. (Video Credit; ETV Bharat)

मेरठः अपने तल्ख बयानों को लेकर चर्चाओं में रहने वाले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई एक बार फिर चर्चाओं में है. इस बार नगर निगम कर्मचारियों पर राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई का पारा चढ़ा है. राज्यसभा सांसद ने नगर निगम के कर्मचारियों को लुटेरा कहते हुए यहां तक क्या डाला कि इन लोगों को हराम खाने के लिए चाहिए और ये तनख्वाह से बच्चे नहीं पाल सकते.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में हीलाहवाली पर भड़के लक्ष्मीकांत वाजपेयी.
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में हीलाहवाली पर भड़के लक्ष्मीकांत वाजपेयी. (Video Credit; ETV Bharat)

फौजी के साथ मारपीट की शिकायत पर कार्यालय का लिया जायजा
दरअसल, पिछले दिनों नगर निगम में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने आए एक फौजी के साथ कर्मचारियों के द्वारा मारपीट भी की गई थी. साथ ही साथ लगातार विवादों में रहने वाले जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग की खबरें भी सामने आती रही है. इन्हीं सबके बीच शनिवार को नगर निगम का जायजा लेने राज्यसभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई पहुंचे थे. लक्ष्मी कांत जब नगर निगम के जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र कार्यालय में पहुंचे तो उनका का पारा चढ़ गया और उन्होंने कर्मचारियों को जमकर हड़काया.

मजबूर होकर नगर निगम में आना पड़ा
राज्य सभा सांसद ने कहा कि मजबूर होकर आज नगर निगम परिसर में आना पड़ा है. उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले एक फौजी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आया था. नगर निगम के कर्मचारियों के द्वारा उसे पीटा गया, जिसकी शिकायत फौजी के द्वारा की गई. मारपीट करने वाले लोगों को पहचान लिया गया लेकिन इन लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने कहा कि हमारे देश की सुरक्षा करने वाला फौजी अपनी जान दाव पर लगा हमारी सुरक्षा करता है और अगर वह किसी काम से इस कार्यालय में आया था तो उसे पीटा गया.

राज्यसभा सांसद ने कर्मचारियों और अधिकारियों को जमकर लताड़ा.
राज्यसभा सांसद ने कर्मचारियों और अधिकारियों को जमकर लताड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat)

रजिस्ट्रार से कहा इस्तीफा दे दो
राज्य सभा सांसद ने कहा कि वह खुद जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भ्रष्टाचार को लगातार उठाते रहे हैं. डॉक्टर गजेंद्र के द्वारा कहा गया कि ये उनका काम नहीं है, लेकिन उनसे जबरदस्ती काम लिया जा रहा है. जिस पर राज्यसभा सांसद ने उनसे इस्तीफा देने की बात कही. इस दौरान उन्होंने कहा कि जब तक उन पर रजिस्ट्रार का चार्ज रहेगा तो बेईमानी होती रहेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीते 6 महीने से एक व्यक्ति जन्म प्रमाण पत्र जारी करने के लिए लगातार दौड़ भाग कर रहा था लेकिन उसका प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया. जब उन्होंने नगर निगम में पहुंचकर कर्मचारियों को हड़काया तो तुरंत उसके बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र तैयार करके उसे दे दिया गया. जिसका साफ मतलब है कि इन्हें काम के बदले पैसा दिया जाए. उस पैसे से उनके कुत्ते ऐसी में सो रहे हैं और इनके लड़के दून स्कूल में पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम जनता के साथ उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं होगा और भारतीय जनता पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इनकी जान के पीछे लग जाएगा.

नगर निगम की वजह से 24 करोड़ की सड़क बेकार
राज्य सभा सांसद ने कहा कि ऐसे कर्मचारियों को नौकरी करना हराम कर दूंगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम के द्वारा बनाई जा रही सड़क नहीं बन पाई, क्योंकि 28 मीटर का नाला नगर निगम की वजह से नहीं जुड़ पाया है. उन्होंने कहा कि इस कार्य में 24 करोड़ रुपये लगे हैं जोकि 28 मीटर नाले को नहीं जोड़े जाने की वजह से बेकार हो रहा है. जिसकी वजह से क्षेत्र के लोगों को जलभराव की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा कि नगर निगम में काफी लंबे समय से एक ही पद पर तैनात कर्मचारियों के पटल परिवर्तन किया जाना चाहिए और किसी भी नेता के दबाव में उसका वापस पटल परिवर्तन ना किया जाए.

जनता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा
इस दौरान उन्होंने नगर निगम कर्मचारी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हराम खाने वालों को ईमानदारी की कमाई करें और दाल में नमक बराबर खाएं तो भी बात समझ आती है. लेकिन इसके कारण मेरठ की जनता का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि फौजी के साथ मारपीट करने वाले लोगों पर अगर तीन-चार दिन के अंदर कार्रवाई नहीं हुई तो जो कार्रवाई करने वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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