जयपुर : प्रदेश को साल 2027 तक ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश की भजनलाल सरकार ने कार्ययोजना बनाई है. सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है. इस लक्ष्य की प्राप्ति में नवीकरणीय ऊर्जा का अहम योगदान है, इसलिए राज्य सरकार प्रदेश में पंप भंडारण परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए नीति लाने जा रही है. इस नीति के तहत निवेशकों को अनुकूल वातावरण मिलेगा, इसके साथ नवीकरणीय ऊर्जा को भी प्रोत्साहन किया जाएगा.
परियोजनाओं के लिए निगम ने चिह्नित किए स्थान : मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि आगामी नीति से निवेशकों को पंप भंडारण परियोजनाओं की स्थापना और संचालन के संबंध में स्पष्ट मार्गदर्शन मिलेगा और वे इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आकर्षित होंगे. उन्होंने विकासकर्ताओं से कहा कि वे अपने सुझाव राज्य सरकार को प्रेषित करें, जिनको उचित परीक्षण कर राज्य सरकार आगामी नीति में शामिल करेगी. बैठक में राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पंप भंडारण परियोजनाओं की प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम ने प्रदेश में 8 संभावित स्थानों पर 7100 मेगावाट की पंप भंडारण परियोजनाओं का चिह्निकरण किया है. साथ ही, कई विकासकर्ता भी पंप भंडारण परियोजनाओं से जुड़े हैं. वर्तमान में राजस्थान विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी-2019 और राजस्थान अक्षय ऊर्जा नीति 2023 के प्रावधानों के अंतर्गत पंप भंडारण परियोजनाओं पर कार्य किया जाता है. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण अपर्णा अरोड़ा, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव शिखर अग्रवाल आदि मौजूद रहे.