जयपुर : प्रदेश में 2023 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव पर रोक लगा दी थी, जो अब तक बहाल नहीं हो पाए हैं. ऐसे में अब छात्र नियमित रूप से आंदोलन करते हुए सरकार से छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इस क्रम में सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालयों के छात्रों ने सीएम और डिप्टी सीएम के प्रतीकात्मक स्वरूपों के सामने अर्धनग्न प्रदर्शन किया, जिन्होंने मुंह पर उंगली रख छात्र संघ चुनाव के प्रश्न पर चुप्पी साधी रखी.
पैसा ब्याज के साथ लौटना होगा : छात्र नेता शुभम रेवाड़ ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार छात्रों के कपड़े फाड़े जा रहे हैं, इसलिए छात्रों ने सोमवार को अपने कपड़े पुलिस प्रशासन और विश्वविद्यालय प्रशासन को दे दिए हैं. अब विश्वविद्यालय प्रशासन को यह जवाब जरूर देना होगा कि यदि छात्रों से नियमित रूप से छात्र संघ चुनाव कराने के पैसे लिए हैं, तो फिर चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे. पिछले साल छात्र संघ चुनाव नहीं हुए, उस पैसे का विश्वविद्यालय ने क्या किया? प्रत्येक छात्र को उनका पैसा ब्याज के साथ लौटना होगा. वहीं, सरकार को भी चेताते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं का हक कब तक मारेंगे, पुलिस प्रशासन को आगे करके छात्रों को दबाने की कोशिश की जाती है. जब तक छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं होते तब तक पूरे राजस्थान में उग्र आंदोलन किया जाएगा.
10-10 हजार तक के चालान काटे जा रहे : छात्र नेता अभिषेक चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बीते पांच दिन से पुलिस प्रशासन की छावनी बना हुआ है. आम विद्यार्थी यहां पढ़ने के लिए आता है, तो उनके 10-10 हजार तक के चालान काट दिए जाते हैं. सरकार इस डर में है कि कहीं छात्र इकट्ठे होकर कोई बड़ा आंदोलन न कर दें. राजस्थान विधानसभा में 10 विधायकों ने छात्र संघ चुनाव को लेकर प्रश्न लगाया, उसका जवाब तक नहीं दिया गया. आज उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का प्रतीकात्मक स्वरूप बनाया है, जो यहां भी चुप्पी साधे बैठे हैं. ये ठीक उसी तरह बैठे रहते हैं, जिस तरह गांधीजी के तीन बंदर बैठते हैं.
भविष्य पर सरकार का कुठाराघात : छात्र नेता मोहित यादव ने कहा कि पहले 18 जुलाई को उन पर लाठीचार्ज किया गया. कैंपस के अंदर से घसीट कर बाहर ले जाया गया. कई छात्रों का हाथ टूटा, कपड़े फटे इसलिए अब छात्र आने कपड़े खुद ही फटवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी वाजिब मांग जरूर पूरी हो. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार छात्रों के राजनीति की पहली सीढ़ी को कुचलना चाहती है, जो छात्र राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके भविष्य पर सरकार कुठाराघात कर रही है. बता दें कि छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर बीते दिनों 18 जुलाई को छात्रों ने विश्वविद्यालय कैंपस में प्रोटेस्ट किया था. इस पर पुलिस प्रशासन ने छात्रों पर लाठीचार्ज करते हुए उन्हें हिरासत में लिया था. इस कार्रवाई के विरोध और छात्र चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सोमवार को छात्र दोबारा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर जुटे और यहां अर्धनग्न प्रदर्शन करते हुए अपनी आवाज बुलंद की.