कुचामनसिटी. जिला अस्पताल की सूची में शामिल राजकीय जिला चिकित्सालय को केंद्र सरकार की ओर से लक्ष्य सर्टिफिकेट प्रदान किया गया. यह उपलब्धि अस्पताल के लेबर रूम और मैटरनिटी ओटी की व्यवस्थाओं और निर्धारित मानकों पर खरा उतरने पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से करवाए गए निरीक्षण के बाद हासिल हुई. इस पर सीएमएचओ, पीएमओ सहित लेबर रूम प्रभारी व अन्य स्टाफ ने खुशी जाहिर की.
लेबर रूम व मैटरनिटी ओटी प्रभारी डॉ. कल्पना गुप्ता ने बताया कि एकेएच के गायनिक विभाग की दोनों यूनिट जिला अस्पताल की पहली यूनिट बन गई. यहां की बेहतर व्यवस्थाओं पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने मुहर लगाई है. साथ ही सर्टिफिकेट मिलने के बाद एमसीएच विंग को अब हर साल विकास कार्यों के लिए राज्य सरकार की ओर से 6 लाख रुपए दिए जाएंगे. पीएमओ डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि यह उपलब्धि हासिल करने के लिए पहले जिला स्तर पर चिकित्सा विभाग की टीम ने लगातार मॉनिटरिंग कर व्यवस्थाओं को लक्ष्य प्राप्ति के अनुरूप बनाया है.
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साथ ही सरकार की ओर से तय मानकों को पूरा करने के लिए टीम वर्क के साथ काम शुरू किया गया. डॉ. गुप्ता ने इस उपलब्धि पर टीम वर्क को श्रेय देते हुए कहा कि यह उपलब्धि किसी एक की बदौलत नहीं, बल्कि टीम वर्क और आपसी तालमेल का बेहतर परिणाम है. उन्होंने बताया कि टीम को प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त निदेशक डॉ. एसएस जोधा जिला अजमेर व नागौर ने भी अपने स्तर पर टीम को दिशा-निर्देश दिए. गौर हो कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने एकेएच में 17 नवंबर, 2023 को निरीक्षण किया था. टीम के गहन मूल्यांकन व निर्धारित मानकों पर खरा उतरने के बाद यह लक्ष्य सर्टिफिकेट जारी जारी किया गया.
जिला अस्पताल के प्रसव कक्ष को मानकों पर खरा उतरने पर 91 प्रतिशत व मैटरनिटी ओटी ने गुणवत्ता में 91 प्रतिशत अंक हासिल किए. पीएमओ डॉ. वीके गुप्ता ने बताया कि डॉ. शकील राव, डॉ. प्रह्लाद बाजिया सहित अन्य चिकित्सकों, एएनएम, जीएनएम, वार्ड बॉय से लेकर सफाई कर्मचारियों का इसमें अहम योगदान रहा है. वहीं, लक्ष्य सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लक्ष्य को पूरा करने में सेव करने वाले सदस्यों का संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य विभाग अजमेर एसएस जोधा ने मोमेंटो भेंटकर सम्मानित किया.
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इधर, स्वास्थ्य विभाग अजमेर के संयुक्त निदेशक एसएस जोधा ने बताया कि यह सर्टिफिकेट मां व बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को लेकर दिया गया है. जिले का यह पहला राजकीय अस्पताल है, जिसे लक्ष्य सर्टिफिकेट जारी हुआ है. दरअसल, केंद्र सरकार से आई टीम ने लक्ष्य के मूल्यांकन में प्रसूति कक्ष, प्रसूति ओटी, संक्रमण रोकथाम के उपाय, मरीजों से जुड़े दस्तावेजों का संधारण, दवाओं की उपलब्धता, जांच की सुविधाएं, नवजात बच्चों के इलाज की सुविधाओं के बिंदुओं पर मूल्यांकन करने के बाद दिया है. वहीं, राजकीय चिकित्सालय को कुल 91 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं.