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अस्पताल में न मिले सफाई तो स्कैन करें क्यूआर कोड, 15 मिनट में होगा शिकायत का निस्तारण!

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में साफ सफाई को लेकर चिकित्सा महकमा अलर्ट मोड पर है. इसी के मद्देनजर रखते हुए अब सरकारी अस्पतालों में क्यूआर कोड लगाया जा रहा है. जिसे स्कैन कर उनके अटेंडर या कोई भी अस्पताल कर्मचारी गंदगी की तस्वीरों को अपलोड कर सकता है.

अस्पताल में सफाई के लिए क्यूआर कोड
अस्पताल में सफाई के लिए क्यूआर कोड
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 5, 2024, 4:42 PM IST

अस्पताल में न मिले सफाई तो स्कैन करें क्यूआर कोड

जयपुर. स्वच्छ चिकित्सालय अभियान के तहत अस्पताल परिसर को साफ सुथरा और यहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के उद्देश्य से अस्पताल परिसर में सभी टॉयलेट्स और सभी फ्लोर पर आवश्यक स्थान पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं. परकोटे की लाइफ लाइन कहे जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (गणगौरी) में भी ये व्यवस्था की गई है. अस्पताल अधीक्षक डॉ आलोक तिवाड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं.

15 मिनट में ही शिकायत का निस्तारण : तकनीक का सहारा लेकर अस्पताल में विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिस पर आम जनता, जनप्रतिनिधि और अस्पताल स्टाफ क्यूआर कोड को स्कैन कर ये बता सकेंगे कि किस स्थान पर गंदगी है. इसकी सूचना सर्वर रूम में जाएगी और यहां से सूचना सफाई सुपरवाइजर के पास पहुंचेगी और तुरन्त सफाई कर दी जाएगी. चूंकि ये पूरी प्रक्रिया अस्पताल परिसर में ही संपन्न होनी है, इसलिए 10 से 15 मिनट में ही शिकायत का निस्तारण हो जाता है. इसके अलावा अस्पताल के पुराने टॉयलेट्स को रिपेयर भी कराया गया है, ताकि मरीज और स्टाफ को शौचालय को लेकर किसी तरह की समस्या ना आए.

इसे भी पढ़ें-रात में कचरा फैलाने वालों पर जोधपुर नगर निगम सख्त, सीसीटीवी फुटेज से काटे जाएंगे चालान

पहले से ज्यादा स्वच्छ रहने लगा है अस्पताल : सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सुगर सिंह ने क्यूआर कोड स्कैन करने से लेकर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रैक्टिकल करते हुए बताया कि कोई भी मरीज उनके परिजन हो या फिर अस्पताल का कर्मचारी अस्पताल परिसर में कहीं भी गंदगी या अव्यवस्था का फोटो क्लिक कर उसे निश्चित जानकारी के साथ अपलोड कर सकता है. शौचालय और साफ सफाई को लेकर के अपना फीडबैक भी दे सकता है. इसके लिए क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद अस्पताल बिल्डिंग, फ्लोर, साफ सफाई के अभाव वाली तस्वीर, स्थान, शिकायत और अपनी जानकारी साझा करनी होगी, ताकि शिकायत का निस्तारण होने के बाद उन्हें रिप्लाई भी किया जा सके. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सर्वर पर अपलोड हुई शिकायतों को 10 से 15 मिनट में निस्तारित कर दिया जाता है. इस व्यवस्था के बाद अस्पताल पहले से ज्यादा स्वच्छ रहने लगा है, साथ ही मरीज और उनके परिजनों को भी गंदगी से राहत मिली है.

अस्पताल में न मिले सफाई तो स्कैन करें क्यूआर कोड

जयपुर. स्वच्छ चिकित्सालय अभियान के तहत अस्पताल परिसर को साफ सुथरा और यहां की व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के उद्देश्य से अस्पताल परिसर में सभी टॉयलेट्स और सभी फ्लोर पर आवश्यक स्थान पर क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं. परकोटे की लाइफ लाइन कहे जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल (गणगौरी) में भी ये व्यवस्था की गई है. अस्पताल अधीक्षक डॉ आलोक तिवाड़ी ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं.

15 मिनट में ही शिकायत का निस्तारण : तकनीक का सहारा लेकर अस्पताल में विभिन्न स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं, जिस पर आम जनता, जनप्रतिनिधि और अस्पताल स्टाफ क्यूआर कोड को स्कैन कर ये बता सकेंगे कि किस स्थान पर गंदगी है. इसकी सूचना सर्वर रूम में जाएगी और यहां से सूचना सफाई सुपरवाइजर के पास पहुंचेगी और तुरन्त सफाई कर दी जाएगी. चूंकि ये पूरी प्रक्रिया अस्पताल परिसर में ही संपन्न होनी है, इसलिए 10 से 15 मिनट में ही शिकायत का निस्तारण हो जाता है. इसके अलावा अस्पताल के पुराने टॉयलेट्स को रिपेयर भी कराया गया है, ताकि मरीज और स्टाफ को शौचालय को लेकर किसी तरह की समस्या ना आए.

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पहले से ज्यादा स्वच्छ रहने लगा है अस्पताल : सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सुगर सिंह ने क्यूआर कोड स्कैन करने से लेकर सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रैक्टिकल करते हुए बताया कि कोई भी मरीज उनके परिजन हो या फिर अस्पताल का कर्मचारी अस्पताल परिसर में कहीं भी गंदगी या अव्यवस्था का फोटो क्लिक कर उसे निश्चित जानकारी के साथ अपलोड कर सकता है. शौचालय और साफ सफाई को लेकर के अपना फीडबैक भी दे सकता है. इसके लिए क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद अस्पताल बिल्डिंग, फ्लोर, साफ सफाई के अभाव वाली तस्वीर, स्थान, शिकायत और अपनी जानकारी साझा करनी होगी, ताकि शिकायत का निस्तारण होने के बाद उन्हें रिप्लाई भी किया जा सके. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि सर्वर पर अपलोड हुई शिकायतों को 10 से 15 मिनट में निस्तारित कर दिया जाता है. इस व्यवस्था के बाद अस्पताल पहले से ज्यादा स्वच्छ रहने लगा है, साथ ही मरीज और उनके परिजनों को भी गंदगी से राहत मिली है.

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