जयपुर. राजस्थान की कार्मिक राज्य सरकार से 'ओपीएस- ओल्ड पेंशन स्कीम' पर अपना स्टैंड क्लियर करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच सरकार ने कार्मिकों पर 'पीएस-पंक्चुअलिटी सिस्टम' लागू किया है. यही नहीं, राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग निदेशालय के अधिकारी कर्मचारियों को भी ऑफिस में नियत समय पर उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए. हालांकि, जयपुर सीएमएचओ द्वितीय ने इससे आगे बढ़ते हुए सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर और अन्य कार्मिक भी दूसरे सरकारी कर्मचारियों की तरह सुबह 9:30 से 6:00 तक सेवाएं देने के आदेश जारी कर दिए.
प्रदेश के मुखिया भजनलाल शर्मा सरकारी सिस्टम को सुधारने और आम जनता को राहत देने में जुटे हुए हैं. इस काम में मुख्य सचिव सुधांशु पंत का भी उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है. हाल ही में मुख्य सचिव ने जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए पंक्चुअलिटी सिस्टम का मैसेज सभी विभागों में दिया. वहीं, वो खुद सचिवालय में भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. इस क्रम में अब चिकित्सा महकमे के अधिकारियों को भी निर्धारित समय पर निदेशालय मुख्यालय पर उपस्थित होने और शाम को नियत समय से पहले कार्यालय नहीं छोड़ने के आदेश जारी किए गए.
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हालांकि, जयपुर सीएमएचओ सेकंड द्वितीय ने जयपुर के सभी सरकारी अस्पतालों के लिए नया टाइम टेबल जारी कर दिया. जिसके तहत सभी अधिकारी डॉक्टर नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारी सुबह 9:30 से 6:00 तक अपना स्थान नहीं छोड़ सकेंगे. दूसरे सरकारी कार्यालय की तरह ही अस्पतालों में भी दोपहर 1:30 बजे से 2:00 बजे तक लंच टाइम होगा और यदि किसी कारणवश डॉक्टर या कार्मिक को कहीं जाना पड़े तो उसे भी ऑफिस रजिस्टर में मेंशन करना होगा. जयपुर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वितीय की ओर से संबंध में आदेश भी जारी किए जा चुके हैं. आदेशों में स्पष्ट किया गया कि इस संबंध में किसी भी तरह का तर्क-वितर्क न करते हुए निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए, साथ ही बिना सक्षम स्वीकृति के अवकाश पर जाने वाले अधिकारी कर्मचारी और चिकित्सकों को भी निर्देशित किया गया कि स्वीकृति लेकर ही अवकाश ले अन्यथा उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
आपको बता दें कि ये आदेश शनिवार से ही लागू हो रहे हैं. सभी कार्मिकों को उपस्थिति रजिस्टर के साथ-साथ बायोमेट्रिक मशीन से भी करना जरूरी होगा. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी स्पष्ट किया है कि निरीक्षण के दौरान किसी भी संस्था में उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से न होने पर प्रभारी अधिकारी खुद जिम्मेदार होंगे. हालांकि, चर्चा ये भी है कि राज्य सरकार की ओर से ये आदेश सिर्फ निदेशालय मुख्यालय पर कार्यरत कर्मचारी और अधिकारियों को मद्देनजर रखते हुए निकाला गया था, लेकिन सीएमएचओ ने इसे अस्पतालों के डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ पर भी लागू कर दिया. ऐसे में संशोधित आदेश आने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं.