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नागौर के सरासनी गांव में बढ़ा विवाद, पुलिस व ग्रामीण आमने-सामने, पत्थरबाजी व आगजनी की हुई घटना - RUCKUS IN NAGAUR

नागौर जिले में एक निजी कंपनी के खिलाफ धरने पर बैठे किसान और पुलिस बुधवार को आमने-सामने हो गए.

Ruckus in Nagaur
नागौर के सरासनी गांव में बढ़ा विवाद (ETV Bharat Nagaur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 18 hours ago

नागौरः जिले के सरासनी गांव में एक निजी कंपनी के विरोध में धरना दे रहे किसान और पुलिस बुधवार को आमने-सामने हो गए. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. इस बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. वहीं, इस घटना पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पुलिस लाठीचार्ज को निंदनीय बताया है.

जानकारी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के विरोध में किसान 134 दिन से धरना दे रहे थे. इस बीच बुधवार को निजी कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही थी. इस बीच धरने पर बैठे ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने भी लोगों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. कुछ लोगों ने खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. बता दें कि कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन खरीदी गई है. सरासनी के किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनें 8 लाख रुपए प्रति बीघा में खरीदी गई और सही कीमत नहीं दी. इसी को लेकर यह धरना चल रहा था. कंपनी ने बुधवार को काम शुरू किया तो विवाद बढ़ गया.

किसने क्या कहा, सुनिए.. (ETV Bharat Nagaur)

जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बुलाई बैठकः इस पूरे मामले के बाद नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में कंपनी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया है. पंचायत समिति में मीटिंग चल रही है. किसान इस बात पर अड़े हैं कि जमीनों के जो पैसे हैं उनके दाम बढ़ाकर दिए जाएं, फिलहाल पूरे मामले में जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित नजर बनाए हुए हैं.

पुलिस जाप्ता तैनात हैः जायल डिप्टी खेमाराम बिजारणियां ने बताया कि कंपनी के काम शुरू करने के दौरान पुलिस भी मौजूद रही. किसानों ने विरोध किया और पत्थरबाजी हो गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इसी बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग भी लगा दी. घटना के बाद सरासनी गांव में भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, लेकिन फिलहाल शांति है.

नागौर में बवाल (ETV Bharat Nagaur)

बेनीवाल ने कार्रवाई को बताया निंदनीयः इस मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि 'नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर विगत काफी दिनों से JSW सीमेंट कंपनी की मनमर्जी के विरुद्ध किसान लोकतांत्रिक रूप से धरने पर बैठे हैं. आंदोलित किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार जिला प्रशासन को लिखित में अपनी मांगों से अवगत करवाते हुए सकारात्मक समाधान निकलवाने कि मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया.

पढे़ं : बयाना में जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष, फायरिंग और आगजनी से दहशत - LAND DISPUTE CLASH

अभी भारी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंच कर जिला पुलिस अधीक्षक नागौर और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों तथा सत्ता में बैठे कई दलालों के इशारे पर लाठी चार्ज किया है. इससे दलित महिलाओं सहित कई वर्गों के लोगो को चोटें आई हैं. किसानों के हितों का संरक्षण करने के स्थान पर एक निजी कंपनी के हित में आपकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जो लाठीचार्ज करने जैसा जो कदम उठाया है वो निंदनीय है.

उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि पुलिस के ऐसे कृत्य का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. पुलिस प्रशासन में बैठे अफसरों का दायित्व सत्ता में सक्षम स्तर पर वार्ता करके किसी भी आंदोलन का सकारात्मक हल निकालने का होता है, लेकिन नागौर जिले में SP और कई अधिकारी यहां के उन नेताओं के नक्शे कदम पर चलने लग गए. दो दिन बाद मैं स्वयं राजस्थान आते ही नागौर पहुंच कर आंदोलित किसानों के साथ बैठकर इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा करूंगा और JSW कंपनी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे.

उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई करवाने तथा किसानों के हक में लड़ाई लड़ने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सदैव किसानों के साथ खड़ी है. जनहित के लिए आरएलपी सड़क पर सत्ता के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से मजबूती से लड़ाई लड़ेगी.

नागौरः जिले के सरासनी गांव में एक निजी कंपनी के विरोध में धरना दे रहे किसान और पुलिस बुधवार को आमने-सामने हो गए. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया तो पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. इस बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. वहीं, इस घटना पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पुलिस लाठीचार्ज को निंदनीय बताया है.

जानकारी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई के विरोध में किसान 134 दिन से धरना दे रहे थे. इस बीच बुधवार को निजी कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही थी. इस बीच धरने पर बैठे ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया. ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया तो पुलिस ने भी लोगों को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. कुछ लोगों ने खेत में आग लगा दी. घटना के बाद मौके पर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. बता दें कि कंपनी की ओर से हरिमा, सरासनी आदि गांव में जमीन खरीदी गई है. सरासनी के किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनें 8 लाख रुपए प्रति बीघा में खरीदी गई और सही कीमत नहीं दी. इसी को लेकर यह धरना चल रहा था. कंपनी ने बुधवार को काम शुरू किया तो विवाद बढ़ गया.

किसने क्या कहा, सुनिए.. (ETV Bharat Nagaur)

जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने बुलाई बैठकः इस पूरे मामले के बाद नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में कंपनी और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किसानों के प्रतिनिधि मंडल को बुलाया गया है. पंचायत समिति में मीटिंग चल रही है. किसान इस बात पर अड़े हैं कि जमीनों के जो पैसे हैं उनके दाम बढ़ाकर दिए जाएं, फिलहाल पूरे मामले में जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित नजर बनाए हुए हैं.

पुलिस जाप्ता तैनात हैः जायल डिप्टी खेमाराम बिजारणियां ने बताया कि कंपनी के काम शुरू करने के दौरान पुलिस भी मौजूद रही. किसानों ने विरोध किया और पत्थरबाजी हो गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इसी बीच कुछ लोगों ने एक खेत में आग भी लगा दी. घटना के बाद सरासनी गांव में भारी पुलिस जाप्ता तैनात किया गया है. तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है, लेकिन फिलहाल शांति है.

नागौर में बवाल (ETV Bharat Nagaur)

बेनीवाल ने कार्रवाई को बताया निंदनीयः इस मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि 'नागौर जिले में सरासनी गांव की सरहद पर विगत काफी दिनों से JSW सीमेंट कंपनी की मनमर्जी के विरुद्ध किसान लोकतांत्रिक रूप से धरने पर बैठे हैं. आंदोलित किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने कई बार जिला प्रशासन को लिखित में अपनी मांगों से अवगत करवाते हुए सकारात्मक समाधान निकलवाने कि मांग की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया.

पढे़ं : बयाना में जमीनी विवाद में खूनी संघर्ष, फायरिंग और आगजनी से दहशत - LAND DISPUTE CLASH

अभी भारी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंच कर जिला पुलिस अधीक्षक नागौर और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों तथा सत्ता में बैठे कई दलालों के इशारे पर लाठी चार्ज किया है. इससे दलित महिलाओं सहित कई वर्गों के लोगो को चोटें आई हैं. किसानों के हितों का संरक्षण करने के स्थान पर एक निजी कंपनी के हित में आपकी पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जो लाठीचार्ज करने जैसा जो कदम उठाया है वो निंदनीय है.

उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि पुलिस के ऐसे कृत्य का लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है. पुलिस प्रशासन में बैठे अफसरों का दायित्व सत्ता में सक्षम स्तर पर वार्ता करके किसी भी आंदोलन का सकारात्मक हल निकालने का होता है, लेकिन नागौर जिले में SP और कई अधिकारी यहां के उन नेताओं के नक्शे कदम पर चलने लग गए. दो दिन बाद मैं स्वयं राजस्थान आते ही नागौर पहुंच कर आंदोलित किसानों के साथ बैठकर इस संदर्भ में विस्तृत चर्चा करूंगा और JSW कंपनी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे.

उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि किसानों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई करवाने तथा किसानों के हक में लड़ाई लड़ने के लिए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सदैव किसानों के साथ खड़ी है. जनहित के लिए आरएलपी सड़क पर सत्ता के खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से मजबूती से लड़ाई लड़ेगी.

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