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IAS बनने का सपना है, पैसा कम पड़ा तो राजा बाबू पटना में बेच रहे हैं लिट्टी-चोखा - RAJA BABU DREAM - RAJA BABU DREAM

PATNA RAJA BABU DREAM: पटना में लिट्टी-चोखा की ये दुकान कोई आम नहीं है, ये दुकान किसी के दिल में पलते अरमानों को पूरा करने का जरिया है. जी हां, दरभंगा के दिव्यांग राजा बाबू IAS बनना चाहते हैं. अपने सपने को पूरा करने के लिए राजा ने लिट्टी-चोखे की दुकान खोली है ताकि इसकी कमाई से पढ़ाई कर वो अपना ख्वाब पूरा कर सकें, पढ़िये पूरी खबर

IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान
IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 12, 2024, 7:33 PM IST

IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान (ETV BHARAT)

पटनाः वैसे तो पटना की सड़कों पर कदम-कदम पर लिट्टी-चोखा की दुकान आपको मिल जाएगी, लेकिन ये दुकान कुछ खास है. खास इसलिए कि इस दुकान को चलानेवाले के हौसलों में जान है जो लिट्टी-चोखा की दुकान चलाकर IAS बनना चाहता है. एक पैर से लाचार है लेकिन इरादे मजबूत हैं, हौसले बुलंद हैं.

'मेरा एक ही सपना है': दरभंगा जिले के रहने वाले दिव्यांग राजा बाबू 2012 में IAS बनने का सपना लेकर पटना आए थे.राजा बाबू का सपना तो अभी अधूरा है लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए वो पटना की सड़कों पर लिट्टी-चोखा बेच रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजा बाबू ने बताया कि "मेरा सपना IAS बनने का है. आर्थिक तंगी है इसलिए लिट्टी बेच रहे हैं ताकि इसकी कमाई से IAS बनने का सपना पूरा कर सकूं."

IAS बनना चाहते हैं राजा बाबू
IAS बनना चाहते हैं राजा बाबू (ETV BHARAT)

"परिवार की आर्थिक तंगी के कारण लिट्टी-चोखा बेच रहा हूं. हालांकि स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है तो चाह रहा हूं कि दिल्ली के मुखर्जी नगर जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करूं. मैंने सुन रखा है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बिना किए जगत में जयकार नहीं होती.कोशिश जारी है देखते हैं ईश्वर क्या करते हैं ? जैसा चाहेंगे राम वैसा होगा काम."- राजा बाबू

'मामा जी पटना लेकर आए': राजा बाबू ने बताया कि 2012 में मैट्रिक पास करने के बाद मेरे मामा जी मुझे लेकर पटना आए और यहां मैंने तैयारी शुरू की. आईएससी करने के बाद बीएससी मैथ में दाखिला लिया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद मन में ख्याल आया कि प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मैथ छोड़कर पॉलिटिकल साइंस विषय चुना जाए. इस तरह पॉलिटिकल साइंस से ग्रैजुएशन किया.

राजा बाबू की दुकान.
राजा बाबू की दुकान. (ETV Bharat)

लिट्टी भी खाइये, कविता भी सुनिये !: राजा बाबू की दुकान की एक खासियत ये भी है कि वो लोगों को अपनी दुकान का लिट्टी-चोखा तो खिलाते ही हैं, कविताएं भी सुनाते हैं. राजा के मुताबिक वो बीपीएससी की कोचिंग के दौरान वो एक लड़की के प्रति आकर्षित हुए थे. राजा का एकतरफा प्यार परवान तो नहीं चढ़ पाया लेकिन उन्हें कविता करना सिखा गया. खैर ! राजा अब शादीशुदा हैं लेकिन अपने पहले प्यार के दौर की यादों को कविता में पिरो कर लोगों को जरूर सुनाते हैं.

IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान
IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान (ETV BHARAT)

खेलों में भी आजमा चुके हैं हाथः राजा बाबू के सधे हाथ लिट्टी गढ़ने में माहिर तो है हीं कई खेलों में भी उनके हाथ जादू दिखा चुके हैं. राजा बाबू दिव्यांग कोटि में बैडमिंटन और कबड्डी में राज्यस्तरीय खिलाड़ी रह चुके हैं. फिलहाल राजा बाबू लिट्टी की इस दुकान से 40 से 45 हजार रुपये कमा रहे हैं, जिससे परिवार तो चल रहा है लेकिन राजा बाबू के जीवन का लक्ष्य है IAS बनना और वो इसे हर हाल में हासिल करना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें:बिहार की लक्ष्मी ने रचा इतिहास, मलेशिया की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहराने वाली बनी पहली भारतीय महिला - Laxmi Jha Mount Kinabalu

IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान (ETV BHARAT)

पटनाः वैसे तो पटना की सड़कों पर कदम-कदम पर लिट्टी-चोखा की दुकान आपको मिल जाएगी, लेकिन ये दुकान कुछ खास है. खास इसलिए कि इस दुकान को चलानेवाले के हौसलों में जान है जो लिट्टी-चोखा की दुकान चलाकर IAS बनना चाहता है. एक पैर से लाचार है लेकिन इरादे मजबूत हैं, हौसले बुलंद हैं.

'मेरा एक ही सपना है': दरभंगा जिले के रहने वाले दिव्यांग राजा बाबू 2012 में IAS बनने का सपना लेकर पटना आए थे.राजा बाबू का सपना तो अभी अधूरा है लेकिन इस सपने को पूरा करने के लिए वो पटना की सड़कों पर लिट्टी-चोखा बेच रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान राजा बाबू ने बताया कि "मेरा सपना IAS बनने का है. आर्थिक तंगी है इसलिए लिट्टी बेच रहे हैं ताकि इसकी कमाई से IAS बनने का सपना पूरा कर सकूं."

IAS बनना चाहते हैं राजा बाबू
IAS बनना चाहते हैं राजा बाबू (ETV BHARAT)

"परिवार की आर्थिक तंगी के कारण लिट्टी-चोखा बेच रहा हूं. हालांकि स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है तो चाह रहा हूं कि दिल्ली के मुखर्जी नगर जाकर सिविल सर्विस की तैयारी करूं. मैंने सुन रखा है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, बिना किए जगत में जयकार नहीं होती.कोशिश जारी है देखते हैं ईश्वर क्या करते हैं ? जैसा चाहेंगे राम वैसा होगा काम."- राजा बाबू

'मामा जी पटना लेकर आए': राजा बाबू ने बताया कि 2012 में मैट्रिक पास करने के बाद मेरे मामा जी मुझे लेकर पटना आए और यहां मैंने तैयारी शुरू की. आईएससी करने के बाद बीएससी मैथ में दाखिला लिया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद मन में ख्याल आया कि प्रतियोगिता परीक्षा के लिए मैथ छोड़कर पॉलिटिकल साइंस विषय चुना जाए. इस तरह पॉलिटिकल साइंस से ग्रैजुएशन किया.

राजा बाबू की दुकान.
राजा बाबू की दुकान. (ETV Bharat)

लिट्टी भी खाइये, कविता भी सुनिये !: राजा बाबू की दुकान की एक खासियत ये भी है कि वो लोगों को अपनी दुकान का लिट्टी-चोखा तो खिलाते ही हैं, कविताएं भी सुनाते हैं. राजा के मुताबिक वो बीपीएससी की कोचिंग के दौरान वो एक लड़की के प्रति आकर्षित हुए थे. राजा का एकतरफा प्यार परवान तो नहीं चढ़ पाया लेकिन उन्हें कविता करना सिखा गया. खैर ! राजा अब शादीशुदा हैं लेकिन अपने पहले प्यार के दौर की यादों को कविता में पिरो कर लोगों को जरूर सुनाते हैं.

IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान
IAS बनने के लिए खोली लिट्टी की दुकान (ETV BHARAT)

खेलों में भी आजमा चुके हैं हाथः राजा बाबू के सधे हाथ लिट्टी गढ़ने में माहिर तो है हीं कई खेलों में भी उनके हाथ जादू दिखा चुके हैं. राजा बाबू दिव्यांग कोटि में बैडमिंटन और कबड्डी में राज्यस्तरीय खिलाड़ी रह चुके हैं. फिलहाल राजा बाबू लिट्टी की इस दुकान से 40 से 45 हजार रुपये कमा रहे हैं, जिससे परिवार तो चल रहा है लेकिन राजा बाबू के जीवन का लक्ष्य है IAS बनना और वो इसे हर हाल में हासिल करना चाहते हैं.

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