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कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण कार्य 9 अगस्त तक हो जाएगा पूरा, नगर निगम ने हलफनामा दायर कर दी जानकारी - Patna High Court

Patna High Court पटना हाईकोर्ट में पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामले पर सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि 9 अगस्त, 2024 तक निर्माण पूरा हो जायेगा. पटना नगर निगम ने हलफनामा दायर कर यह जानकारी दी. पढ़ें, विस्तार से.

Patna High Court
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 19, 2024, 7:57 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट में पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामले पर सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि 9 अगस्त, 2024 तक निर्माण पूरा हो जायेगा. डा. आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई की. पिछली सुनवाई में पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. ये जल्दी ही बन कर तैयार हो जायेगा. एक तल्ले के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. ऊपरी भाग में निर्माण चल रहा है.

जनहित याचिका निष्पादित कीः कोर्ट ने पटना नगर निगम को इस सम्बन्ध में हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम को वहां चल रही दुकानों के सम्बन्ध में ब्योरा देने का निर्देश दिया था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम क्षेत्र में बनने वाले वेडिंग जोन के निर्माण में हो रहे विलम्ब पर सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. पटना नगर निगम के इस आश्वासन के बाद कि कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण 9 अगस्त 2024 तक पूरा हो जायेगा, कोर्ट ने इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.

लॉ कॉलेज की हालत दयनीयः पटना हाईकोर्ट में राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालत पर 20 अप्रैल,2024 को सुनवाई की जाएगी. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए.

बुनियादी सेवाओं का अभावः याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति काफी खराब है. इन कालेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इस कारण उन कालेजों में लॉ की स्तरीय पढ़ाई नहीं होती है.

शिक्षकों के पास योग्यता नहींः अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि इन कालेजों में से अधिकतर के पास अपने भवन नहीं हैं. छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. लाइब्रेरी,शुद्ध पेय जल,साफ शौचालयों आदि की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इन लॉ कालेजों में पर्याप्त संख्या में योग्य शिक्षक नहीं हैं. इन शिक्षकों का तय मानदंडो के अनुसार शैक्षणिक योग्यता नहीं है. शिक्षकों के पास पीएचडी डिग्री होनी चाहिए, लेकिन इन कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों में से अधिकतर के पास योग्यता नहीं है.

इसे भी पढ़ेंः चपरासी के रिटायरमेंट के बाद भी राशि का भुगतान नहीं, HC ने शिक्षा विभाग के अफसरों पर लगाया हर्जाना - Patna High Court Hearing

पटनाः पटना हाईकोर्ट में पटना के कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण के मामले पर सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि 9 अगस्त, 2024 तक निर्माण पूरा हो जायेगा. डा. आशीष कुमार सिन्हा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई की. पिछली सुनवाई में पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कदमकुआं वेंडिंग जोन के निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. ये जल्दी ही बन कर तैयार हो जायेगा. एक तल्ले के निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. ऊपरी भाग में निर्माण चल रहा है.

जनहित याचिका निष्पादित कीः कोर्ट ने पटना नगर निगम को इस सम्बन्ध में हलफ़नामा दायर करने का निर्देश दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम को वहां चल रही दुकानों के सम्बन्ध में ब्योरा देने का निर्देश दिया था. इस मामले पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम क्षेत्र में बनने वाले वेडिंग जोन के निर्माण में हो रहे विलम्ब पर सम्बन्ध में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. पटना नगर निगम के इस आश्वासन के बाद कि कदमकुआं वेंडिंग जोन का निर्माण 9 अगस्त 2024 तक पूरा हो जायेगा, कोर्ट ने इस जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया.

लॉ कॉलेज की हालत दयनीयः पटना हाईकोर्ट में राज्य के सभी सरकारी और निजी लॉ कालेजों की दयनीय हालत पर 20 अप्रैल,2024 को सुनवाई की जाएगी. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने कुणाल कौशल की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि अगर कोई लॉ कालेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करता है, तभी छात्रों का एडमिशन होना चाहिए.

बुनियादी सेवाओं का अभावः याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी लॉ कालेजों की स्थिति काफी खराब है. इन कालेजों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने बताया कि बहुत सारे लॉ कॉलेज बीसीआई द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इस कारण उन कालेजों में लॉ की स्तरीय पढ़ाई नहीं होती है.

शिक्षकों के पास योग्यता नहींः अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि इन कालेजों में से अधिकतर के पास अपने भवन नहीं हैं. छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. लाइब्रेरी,शुद्ध पेय जल,साफ शौचालयों आदि की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि इन लॉ कालेजों में पर्याप्त संख्या में योग्य शिक्षक नहीं हैं. इन शिक्षकों का तय मानदंडो के अनुसार शैक्षणिक योग्यता नहीं है. शिक्षकों के पास पीएचडी डिग्री होनी चाहिए, लेकिन इन कालेजों में पढ़ाने वाले शिक्षकों में से अधिकतर के पास योग्यता नहीं है.

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