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बारिश में संभलकर खाएं हरी साग, पांढुर्णा में मां और बेटी की मौत, 2 बेटों के साथ पिता भर्ती - Eating Green Vegetables 2 Died - EATING GREEN VEGETABLES 2 DIED

बारिश के मौसम में यदि आप भी हरी सब्जी ज्यादा खाते हैं तो संभल जाइए. पांढुर्णा में हरी सब्जी खाने के बाद एक परिवार की तबीयत इतनी बिगड़ी कि 2 लोगों की मौत हो गई और 3 लोग अस्पताल में भर्ती हैं.

Pandhurna MOTHER DAUGHTER DIED
हरी सब्जी खाने से मां-बेटी की मौत (GettyImage)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 9:58 PM IST

Updated : Jun 28, 2024, 10:07 PM IST

पांढुर्णा। वैसे तो हरी साग स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है लेकिन बारिश में कई बार यह मौत का कारण भी बन जाती है. घुड़नखापा गांव में जंगली साग खाने से मां-बेटी की मौत हो गई तो 2 बेटे और पिता गंभीर होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं. बताया जाता है कि कि परिवार पत्तेदार साग जंगल से लाया था और इसकी सब्जी बनाने के बाद सभी ने इसे खाई थी.

पिता समेत 2 बेटों का अस्पताल में चल रहा इलाज (ETV Bharat)

जंगल से तोड़कर लाए थे हरे पत्ते

पांढुर्णा के घुड़नखापा में एक आदिवासी परिवार गुरुवार शाम को जंगल से कुछ हरे पत्ते लेकर आए थे. घर में इसकी सब्जी बनाई और पूरे परिवार ने खाई. खाने के बाद 16 साल की बेटी की मौत हो गई वहीं मां की हालत गम्भीर होने की वजह से उसे नागपुर इलाज के लिए रेफर किया गया था, जहां नागपुर में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. पिता और 2 बेटे की हालात भी गंभीर बनी हुई है, जिनका पांढुर्ना में इलाज चल रहा है.

एक-एक कर सभी हुए बीमार

अस्पताल में भर्ती पिता सूर्यभान के बेटे आशीष ने बताया कि "खेत से जंगली पत्ते लाकर गुरुवार की रात को उसकी सब्जी बनाकर सभी ने खाई थी. खाना खाने के कुछ घंटे बाद उसकी बहन योगिता के पेट दर्द में तेज दर्द हुआ था, फिर उसकी मां निकिता ऊइके को भी परेशानी हुई और धीरे-धीरे पिता समेत दोनों भाई भी बीमार हो गए."

'जांच के बाद होगा मामला साफ'

डॉक्टर विनीत श्रीवास्तव का कहना है कि जैसा कि "इस परिवार ने बताया है कि सब्जी खाने से बीमार हुए तो पुलिस ने घर में बनी सब्जी के सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजे हैं. खाने में किसी ने जहर मिला दिया था या कोई और बात थी इसकी पुलिस जांच कर रही है. फिलहाल तीनों की हालत स्थिर बनी है और इन्हें इलाज के लिए नागपुर रेफर किया जा रहा है."

ये भी पढ़ें:

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खरगोन में शादी का खाना पड़ा महंगा, फूड पॉइजनिंग से 43 लोग बीमार

बारिश में नहीं खाएं हर साग

आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रवीण रघुवंशी ने बताया कि "बरसात के दिनों में कई जंगली पौधे खेतों में उग आते हैं और जिनमें से कई फायदेमंद होते हैं तो कई जहरीले भी होते हैं. जिनका साइड इफेक्ट हो जाता है. हालांकि पौधे आयुर्वेद से संबंधित होते हैं लेकिन उनकी मात्रा का विशेष ख्याल रखना होता है. कई बार ग्रामीण जानकारी के अभाव के चलते उनका सेवन कर लेते हैं और जो जानलेवा हो सकते हैं. हो सकता है इस परिवार ने भी ऐसे ही किसी जहरीले साग को अधिक मात्रा में खा लिया होगा जिसके कारण ऐसा हुआ."

पांढुर्णा। वैसे तो हरी साग स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है लेकिन बारिश में कई बार यह मौत का कारण भी बन जाती है. घुड़नखापा गांव में जंगली साग खाने से मां-बेटी की मौत हो गई तो 2 बेटे और पिता गंभीर होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं. बताया जाता है कि कि परिवार पत्तेदार साग जंगल से लाया था और इसकी सब्जी बनाने के बाद सभी ने इसे खाई थी.

पिता समेत 2 बेटों का अस्पताल में चल रहा इलाज (ETV Bharat)

जंगल से तोड़कर लाए थे हरे पत्ते

पांढुर्णा के घुड़नखापा में एक आदिवासी परिवार गुरुवार शाम को जंगल से कुछ हरे पत्ते लेकर आए थे. घर में इसकी सब्जी बनाई और पूरे परिवार ने खाई. खाने के बाद 16 साल की बेटी की मौत हो गई वहीं मां की हालत गम्भीर होने की वजह से उसे नागपुर इलाज के लिए रेफर किया गया था, जहां नागपुर में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. पिता और 2 बेटे की हालात भी गंभीर बनी हुई है, जिनका पांढुर्ना में इलाज चल रहा है.

एक-एक कर सभी हुए बीमार

अस्पताल में भर्ती पिता सूर्यभान के बेटे आशीष ने बताया कि "खेत से जंगली पत्ते लाकर गुरुवार की रात को उसकी सब्जी बनाकर सभी ने खाई थी. खाना खाने के कुछ घंटे बाद उसकी बहन योगिता के पेट दर्द में तेज दर्द हुआ था, फिर उसकी मां निकिता ऊइके को भी परेशानी हुई और धीरे-धीरे पिता समेत दोनों भाई भी बीमार हो गए."

'जांच के बाद होगा मामला साफ'

डॉक्टर विनीत श्रीवास्तव का कहना है कि जैसा कि "इस परिवार ने बताया है कि सब्जी खाने से बीमार हुए तो पुलिस ने घर में बनी सब्जी के सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए भेजे हैं. खाने में किसी ने जहर मिला दिया था या कोई और बात थी इसकी पुलिस जांच कर रही है. फिलहाल तीनों की हालत स्थिर बनी है और इन्हें इलाज के लिए नागपुर रेफर किया जा रहा है."

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आयुर्वेदिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर प्रवीण रघुवंशी ने बताया कि "बरसात के दिनों में कई जंगली पौधे खेतों में उग आते हैं और जिनमें से कई फायदेमंद होते हैं तो कई जहरीले भी होते हैं. जिनका साइड इफेक्ट हो जाता है. हालांकि पौधे आयुर्वेद से संबंधित होते हैं लेकिन उनकी मात्रा का विशेष ख्याल रखना होता है. कई बार ग्रामीण जानकारी के अभाव के चलते उनका सेवन कर लेते हैं और जो जानलेवा हो सकते हैं. हो सकता है इस परिवार ने भी ऐसे ही किसी जहरीले साग को अधिक मात्रा में खा लिया होगा जिसके कारण ऐसा हुआ."

Last Updated : Jun 28, 2024, 10:07 PM IST
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